रामगढ़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पद संभालने के बाद से ही सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं. पेयजल की समस्या को लेकर ईचाकडीह के एक शख्स ने पानी की किल्लत और नदी के बगल में चुआ खोदकर पानी निकालने का वीडियो ट्वीट किया था. जिसको लेकर सीएम ने डीसी रामगढ़ को मूलभूत सुविधाओं से महरूम रखने को लेकर ट्वीट किया था, उस ट्वीट का असर हुआ है और रामगढ़ के जिलाधिकारी संदीप सिंह समेत कई अधिकारी निदान के लिए इचाकडीह पहुंचे और ग्रामीणो से बात की.
दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को @adv.satya prakash के ट्विटर हैंडल से एक झारखंड के मुख्यमंत्री को ट्वीट कर शिकायत की गई थी. जिसमे लिखा था कि झारखंड के रामगढ़ की महिलाएं आज भी रोज गड्ढा खोदकर पानी निकालती है, तो पीने और जीने का जुगाड़ हो पाता है. देश का सबसे धनी राज्य शायद ही कोई सबसे निम्न स्तर का सरकारी कर्मचारी और नेता होगा जो करोड़पति नहीं होगा.
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इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर हैंडल में डीसी रामगढ़ को लिखा की यह सचमुच शर्मनाक है, जनता की मूलभूत सुविधाओं से मरहूम यह स्थिति मुझे बिल्कुल मंजूर नहीं है. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने डीसी को ट्वीट किया, @DC_Ramgarh कृपया इस समस्या का त्वरित समाधान करते हुए ऐसे सभी गांव की सूची बनाएं और योजना बनाकर काम करें.
इस ट्विटर हैंडल के बाद डीसी रामगढ़ ने ट्विटर पर लिखा कि सर वीडियो मांडू प्रखंड के ईचाकडीह पंचायत के बाजारटांड़ चुटुवा नदी क्षेत्र( ccl चरही क्षेत्र )का है, पंचायत में कुल 7 सोलर पेयजलआपूर्ति स्कीम वर्किंग BDO से जांच कराई गई और वीडियो में जो व्यक्ति है, इनके घर भी सीसीएल चलित पाइप एक्शन जलापूर्ति कनेक्शन है. शुक्रवार को माननीय मुख्यमंत्री ने रामगढ़ में पेयजल शिकायत के एक शिकायतकर्ता के वीडियो के आलोक में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री की ट्वीट पर निर्देश मिलते ही डीसी अपने कई अधिकारियों के साथ दल बल के साथ शनिवार को ग्रामीणों के बीच पहुंचे और ग्रामीणों की समस्या का जल्द निदान दिलाने की बात कही, पानी की समस्या का मामला रामगढ जिला की इचाकडीह पंचायत की है.
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ग्रामीण अपनी प्यास बुझाने के लिये नदी में चुवा खोदकर पानी निकाल रहे है
ग्रामीणों ने कहा कि जो पानी आता है, उसे खाना बनाने में दिक्कत होती है. साथ ही साथ पीने में उसका टेस्ट ठीक नहीं लगता है, जिसके कारण हम लोग यहां नदी के बगल में चुवा खोदकर पीने का पानी ले जाते है. यह पानी मीठा होता है, साथ ही साथ इस पानी में खाना जल्दी पकता है इसलिए हम लोग यहां से पानी ले जाते है.
वहीं, पूरे मामले में जांच करने पहुंचे डीसी ने कहा कि कल ट्विटर पर एक शिकायत मिली थी, जिसकी जांच करवाई गई थी उसी आलोक में यहां पहुंचकर पानी सप्लाई से संबंधित आसपास के इलाकों में जानकारी ली जा रही है. ईचाकडीह पंचायत में साथ सोलर पेयजल आपूर्ति स्कीम वर्किंग में है. साथ ही साथ सीसीएल द्वारा टैंकर से और पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जाती है. प्रथम दृष्टया पानी की गुणवत्ता में किसी तरह की शिकायत नजर नहीं आई है, हो सकता है पूर्व में किसी तरह की कोई शिकायत होगी फिर भी सीसीएल और पीएचडी विभाग को पानी की गुणवत्ता को जांच करने का निर्देश दिया गया है.हालांकि ईचाकडीह पंचायत में सुचारू रूप से सीसीएल और सोलर पेयजल आपूर्ति स्कीम के तहत पानी आपूर्ति है. लोगों को पानी की कोई दिक्कत गांव और आसपास नहीं है, बावजूद इसके लोग चुटुवा नदी के किनारे चुवा खोदकर वहां से पानी पीने और खाना बनाने के लिए ले जाते है.