रामगढ़: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन शनिवार को रामगढ़ जिले के लुकैयाटांड पहुंचे. यहां शहीद सोबरन सोरेन का 64वां शहादत दिवस मनाया गया. इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वीर शहीद सोबरन मांझी के विचारों और बलिदान को आदरणीय गुरुजी के चेहरे पर साफ देखा जा सकता है. ऐसे वीर सपूतों के संघर्ष और शहादत की बदौलत हमें अपना राज्य मिला है. सरकार सभी जरूरतमंद को सर्वजन पेंशन योजना के तहत लाभ देने का काम कर रही है. वृद्ध, विधवा, परित्यक्त एकल महिला और दिव्यांग को पेंशन में अब किसी टारगेट की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. सभी जरूरतमंद को पेंशन का लाभ मिलेगा. उन्होंने सभी से अपील की है कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सभी अपने अधिकार का लाभ अवश्य लें.
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सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की चर्चा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा शहीद सोबरन सोरेन के शहादत दिवस पर हर साल बरलंगा के लुकैयाटांड में शहादत दिवस मनाया जाता है. यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में रोजगार की संभावनाएं अपार हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस योजना का लाभ सुदूरवर्ती क्षेत्र के लोगों को भी मिल रहा है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की अन्य योजनाओं की भी जानकारी दी.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी महिला पुरुष के लिए पेंशन की घोषणा की गई है. इस दौरान धोती साड़ी योजना के तहत दस रुपये में धोती साड़ी और स्वास्थ्य योजना के तहत मच्छरदानी का वितरण किया. इसके अलावा मछली पालन, पशुपालन, एसएचजी ग्रुप महिला समूह के बीच के स्वरोजगार को लेकर करोड़ों रुपए की राहत सामग्री बांटी.
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स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ें
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में रोजगार की संभावनाएं अपार हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजना से जुड़ें. राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी, लोन आदि कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर स्वरोजगार की ओर अग्रसर हों. सरकार हर संभव मदद करेगी.
सीएम हेमंत सोरन ने कहा कि शहीद सोबरन सोरेन का शहादत दिवस हम सभी को क्रांतिकारियों की यादें ताजा करती है. यहां की खूबसूरत वादियों से क्रांतिकारियों ने आवाज बुलंद की. उन्होंने बताया कि यहां से ही अलग झारखंड राज्य के लिए मूलवासी-आदिवासी के लिए, जल, जंगल, जमीन के लिए क्रांतिकारियों ने आवाज बुलंद की थी.