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रामगढ़ सदर अस्पताल में मारपीटः आरोपी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर कर्मियों ने दी कार्य बहिष्कार की चेतावनी

रामगढ़ सदर अस्पताल में चिकित्सक और कर्मियों के बीच मारपीट का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. सदर अस्पताल में कार्यरत दो आयुष्मान मित्र ने हड्डी रोग विशेषज्ञ पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं. इसको लेकर 24 घंटे के अंदर चिकित्सक पर कार्रवाई नहीं होने पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी गयी है. Fighting in Sadar Hospital in Ramgarh.

Clash between doctor and staff in Ramgarh Sadar Hospital
रामगढ़ सदर अस्पताल में चिकित्सक और कर्मियों के बीच मारपीट

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 6, 2023, 9:56 AM IST

Updated : Oct 6, 2023, 10:05 AM IST

रामगढ़ सदर अस्पताल में मारपीट को लेकर जानकारी देते अस्पताल उपाधीक्षक

रामगढ़ः जिले के सदर अस्पताल में हुई मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है. रामगढ़ सदर अस्पताल में कार्यरत दो आयुष्मान मित्रों ने अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ पर मारपीट का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की है. वहीं आरोपी डॉक्टर ने भी आयुष्मान मित्रों पर बदतमीजी और मारपीट का आरोप लगाया है.

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आरोपी चिकित्सक पर कार्रवाई को लेकर झारखंड स्वास्थ्य चिकित्सा संघ और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने रामगढ़ सिविल सर्जन को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि 24 घंटे के अंदर अगर आरोपी चिकित्सक पर कार्रवाई नहीं हुई तो शुक्रवार से सदर अस्पताल के तमाम मेडिकल स्टाफ कार्य बहिष्कार करेंगे. आरोप लगाने वाले दोनों आयुष्मान मित्र रितेश और सिकंदर ने संघ को अर्जी दी है. इधर संघ ने सिविल सर्जन को आरोपी डॉक्टर पर कार्रवाई करने के लिए आवेदन दिया है.

इस आवेदन के अनुसार चिकित्सक डॉ राजेश्वर कुमार पर मारपीट और भद्दी गालियों के अलावा थूक कर चटवाने का आरोप लगाया गया है. कुर्सी में बैठे सिकंदर महतो ने चिकित्सक के आने के बाद भी कुर्सी नहीं छोड़ी तो वो गुस्से में सिकंदर को मारने लगे. इसके बाद उन्होंने रितेश को भी पीटते हुए उपाधीक्षक सदर अस्पताल के कार्यालय तक ले गए. वहां भी उपाधीक्षक के समक्ष इनके साथ मारपीट की गई.

पूरे मामले पर सदर अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश्वर कुमार अपनी सफाई पेश की है. फोन पर उन्होंने बताया कि वे जब आयुष्मान काउंटर के पास गए तो दो आयुष्मान मित्र उनपर तंज कसते हुए हंसने लगे. जब मना किया नहीं माननने पर सिकंदर महतो को धक्का दिया. जिसके बाद सिकंदर महतो ने हमला करते हुए उनकी आंख के सामने चेहरे पर जबरदस्त मुक्का मार दिया. जिसके कारण उनकी आंख में सूजन आ गया है और ब्लैक स्पॉट जैसा बन गया. चिकित्सक ने अपने बचाव में उनको मारा और हॉस्पिटल मैनेजर के चेंबर में बैठे उपाधीक्षक के पास दोनों को ले गए. वहां उन दोनों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और माफी मांगते हुए भविष्य में दोबारा गलती नहीं करने की बात कर चेंबर से चले गए. इसके बाद में पूरे मामले पर राजनीति होने लगी. आरोपी चिकित्सक ने आयुष्मान मित्रों के द्वारा थूक कर चटवाने की बात को पूरी तरह से बेबुनियाद और गलत बताया है. चिकित्सक ने कहा कि अगर इस मामले को तूल दिया जायेगा तब वे उपायुक्त से मिलकर पूरी घटना को बताएंगे और डॉक्टर होने के नाते मेरे मान सम्मान पर ठेस पहुंचाने का प्रयास होगा तो वे कल ही अपने पद से रिजाइन दे देंगे.

उपाधीक्षक ने कही जांच की बातः इस घटना को लेकर सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अमरेंद्र प्रसाद ने कहा कि डीएमएफटी मद से नियुक्त हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश्वर कुमार दोनों आयुष्मान मित्रों को पीटते हुए उनके सामने लाये थे. इतना ही नहीं उनके सामने भी चिकित्सक ने दोनों को 2-4 थप्पड़ मारा और माफी भी मंगवाई. उपाधीक्षक ने बताया कि मेरे द्वारा मना भी किया लेकिन वे नहीं माने. इस पूरे मामले में जांच टीम का गठन किया गया है.

क्या है आवेदन मेंः झारखंड स्वास्थ्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने रामगढ़ सिविल सर्जन को दिए गए आवेदन में लिखा है कि दुखद घटना के साथ कर्मचारी संघ श्रीमान से मांग करती है कि आज दिनांक 05.10.2023 को सदर अस्पताल, रामगढ़ में डॉ. राजेश्वर कुमार, हड्डी रोग विशेषज्ञ, DMFT सदर अस्पताल, रामगढ़ द्वारा रितेश कुमार और सिकंदर महतो. आयुष्मान मित्र, सदर अस्पताल, रामगढ़ को गाली गलौज, मार-पीट करते हुए उपाधीक्षक, कार्यालय तक घसीट कर ले जाया गया एवं वहां पर कर्मी को कोई गलती नहीं होने के बावजूद उपाधीक्षक महोदय के समक्ष थूक कर चटवाया गया. वहां भी उपाधीक्षक के सामने मारपीट एवं गाली-गलौज किया गया. यहां तक की उपाधीक्षक के समक्ष धमकी दिया गया कि अगर बिहार रहता तो तुमको गोली से मार देते. इसे कर्मचारी संघ ने अत्यंत ही कठोर निंदा करते हुए गंभीरता से लिया है. उक्त घटना के संबंध में कर्मचारी संघ की आपात बैठक आपके कार्यालय के सभागार में की गई. जिसमें सभी कर्मचारियों ने सर्वसम्मति से कठोर निर्णय लेने हेतु ये प्रस्ताव पारित किया गया.

  1. आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
  2. कार्रवाई नहीं होने पर दिनांक 06.10.2023 से अस्पताल के समक्ष कर्मी द्वारा आकस्मिक सेवा को छोड़कर कार्य बहिष्कार किया जायेगा.
  3. दिनांक 06.10.2023 को दोपहर 03:00 बजे के बाद उपायुक्त महोदय को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया.
  4. समय सीमा के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर संघ आंदोलानात्मक कार्रवाई करने के लिये बाध्य हो जायेगी, जिसकी सारी जवाबदेही आपके सहित प्रशासन की होगी.
Last Updated : Oct 6, 2023, 10:05 AM IST

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