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चैत्र नवरात्र में दुृल्हन की तरह सजा मां छिन्नमस्तिके मंदिर का दरबार, पुष्प सज्जा बनी आकर्षण का केंद्र

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Published : Mar 21, 2023, 5:15 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 5:26 PM IST

चैत्र नवरात्र में मां छिन्नमस्तिके मंदिर की खूबसूरती देखते बन रही है. बुधवार से शुरू हो रहे नवरात्र को लेकर सारी तैयारियां कर ली गईं हैं. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पुलिस ने कर रखी है.

Maa Chhinmastika Devi Mandir
सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिके मंदिर

चैत्र नवरात्र मां छिन्नमस्तिके मंदिर की तैयारी

रामगढ़:सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिके मंदिर में चैत्र नवरात्र को लेकर मंदिर न्यास समिति और जिला प्रशासन की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है. बुधवार से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है. इसे लेकर 13 हवन कुंड की साफ सफाई कर दी गई है. साधकों के रहने के लिए निशुल्क व्यवस्था की गई है. रजरप्पा मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला में लोग रुक पाएंगे. मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. भव्य तरीके से पुष्प सज्जा की गई है. जो आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

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बुधवार को कलश स्थापना के साथ नवरात्र शुरू:देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिका मंदिर में चैत्र नवरात्र को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र आरंभ हो जाती है. बुधवार को कलश स्थापना के साथ नवरात्र शुरू हो जाएगा. आपको बता दें कि शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र में मां छिन्नमस्तिके मंदिर में साधक और श्रद्धालु मां की आराधना करने पहुंचते हैं. मां का आशीर्वाद लेते हैं.

नवरात्र में मां की विशेष कृपा प्राप्त होतीः नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. झारखंड सहित बिहार बंगाल उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु और साधक नवरात्र में खासतौर पर मां की आराधना करने पहुंचते हैं. मान्यता है कि नवरात्र में मां की विशेष कृपा यहां आने वाले भक्तों को प्राप्त होती है. बड़ी संख्या में साधक और श्रद्धालु मां की आराधना करने यहां पहुंचते हैं.

जिला प्रशासन ने दिए कई दिशा-निर्देशः मंदिर के वरिष्ठ पुजारी लोकेश पंडा ने बताया कि मां के मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पूजा में किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. दूरदराज से आने वाले साधकों के ठहरने के लिए धर्मशाला में व्यवस्था की गई है. हवन कुंडों की साफ-सफाई कर दी गई है. जिससे आने वाले साधक और श्रद्धालु यहां पूजा हवन कर सकेंगे. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन की ओर से कई दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं. जिसका अनुपालन मंदिर न्यास समिति द्वारा किया जा रहा है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पुलिस की ओर से भी किये गए है.

Last Updated : Mar 21, 2023, 5:26 PM IST

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