रामगढ़: लॉकडाउन में जहां आम जनता का हाल बेहाल है. वहीं, दिव्यांगों पर इसका ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. राज्य दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान जितेंद्र पटेल की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. स्थिति भुखमरी तक पहुंच गई है.
जितेंद्र का हाल बेहाल
कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन का असर दिव्यांगों पर ज्यादा पड़ रहा है. राज्य के दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान जितेंद्र पटेल की स्थिति भी काफी दयनीय है. सरकारी उपेक्षा के कारण अब वह भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए हैं. राज्य के गौरव को चार चांद लगाने के बाद भी जितेंद्र बदहाली में ही जी रहा. सरकार की उपेक्षा के कारण आजीविका चलाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है.
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झारखंड को दिला चुके हैं गोल्ड मेडल
झारखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान जितेंद्र पटेल का कहना है कि सरकारी उपेक्षा और लॉकडाउन के कारण उनकी स्थिति काफी दयनीय है. उन्हें आज तक लाल कार्ड तक नहीं मिला है. सरकारी पेंशन भी समय पर नहीं मिल पाता है. बता दें कि बहु प्रतिभा के धनी जितेंद्र ने पटना में आयोजित राष्ट्रस्तरीय दिव्यांग तैराकी प्रतियोगिता में भी झारखंड के लिये गोल्ड मेडल हासिल किया है. इतना ही नहीं डांस प्रतियोगिता में भी राष्ट्रस्तरीय ख्याति हासिल की है. इतने सारे कलाएं जानने के बावजूद वह बिल्कुल अपेक्षित हैं.
क्रिकेट के साथ तैराकी में भी लाजवाब थे जितेंद्र
जितेंद्र केवल क्रिकेट के धुरंधर नहीं बल्कि तैराकी में भी लाजवाब हैं. इसके अलावा कई डांस प्रतियोगिता में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं. दिव्यांगों को लेकर सरकारी तंत्र लाख दांवा कर लें, लेकिन इनकी स्थिति जग जाहिर है. सरकारी उपेक्षा के कारण दिन प्रतिदिन वह रसातल में जा रहे हैं. अगर सरकार कोई सकारात्मक पहल नहीं करती है तो झारखंड फिर किसी बहु आयामी प्रतिभा को खो देगी.