झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

कलियुग के 'भगीरथ' हैं बिगन साव, 47 सालों से जल संरक्षण है इनका जुनून - Bunji Village News

रामगढ़ के बिगन साव अपने गांव के लिए भगीरथ से कम नहीं हैं. उन्होंने अपने वेतन के पैसे से आस पास के कई गांवों में तालाब और कुएं बनवाए हैं. बुढ़ापे की दहलीज पर भी जल संरक्षण का उनका जुनून कम नहीं हुआ है.

बिगन साव

By

Published : Aug 30, 2019, 2:57 PM IST

Updated : Aug 30, 2019, 3:03 PM IST

रामगढ़ः कहा जाता है कि राजा भगीरथ ने घोर तपस्या कर गंगा को पृथ्वी पर आने से मना लिया था. कुछ ऐसा ही प्रयास कर रहे हैं रामगढ़ के बिगन साव. सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड यानी सीसीएल में नौकरी करते-करते बिगन साव ने जिले में दर्जनों तालाब और कुएं का निर्माण कराया है . 67 वर्षीय बिगन साव रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड अंतर्गत बारूघुट्टु उत्तरी पंचायत के बंजी गांव में रहते हैं. फिलहाल वे रिटायर हो चुके हैं और ज्यादातर वक्त आस-पास के गांवों में पानी की समस्या दूर करने में लगाते हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी
बिगन साव ने जिले में पानी की समस्या देखी तो सरकार का मुंह ताकने के बजाए, उन्होंने खुद ही पहल करने की ठानी. उन्होंने कुएं और तालाब खुदवाकर पानी रोकना शुरू किया. साल 1972 से उनका ये काम लगातार जारी है. बिगन साव की पहल पर कई और लोगों ने भी ऐसी कोशिश की. बिगन को इस काम से बेहद आनंद मिलता है. वे कहते हैं कि प्यासे लोगों को प्यास बुझाते देख और लोगों को खुश देखकर उन्हें सुकून मिलता है.

ये भी पढ़ें:झारखंड सरकार की पहल, 50 खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटे जल्द मिलेगी नौकरी
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों के लिए ये तालाब किसी वरदान से कम नहीं है. रोजाना की जरूरतों और मवेशियों की प्यास बुझाने के साथ इससे सिंचाई का काम भी लिया जाता है. यहां के ग्रामीणों ने बताया कि कपड़े धोने, नहाने, मवेशियों को पानी पिलाने के लिए इस तालाब का उपयोग किया जाता है. गर्मी के दिनों में यही तालाब खेतों की प्यास भी बुझाता है और इससे सिंचाई की जाती है. इस तालाब से आसपास के चार-पांच गांव के लोग लाभाविंत होते हैं.

यहां की मुखिया अजिता देवी के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण रामगढ़ में भूजल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. अब 500 फीट पर भी पानी नहीं मिलता. अगर बिगन साव जैसे 10 लोग हर गांव में रहें, तो गिरते भूजल स्तर की परेशानी खत्म हो जाएगी और लोगों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें:अनुसंधान के बोझ से दबी सीबीआई, पीआरएस घोटाले की जांच से किया इंकार
पीएम मोदी से अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जल सरंक्षण पर जोर दे रहे हैं. ऐसे में बिगन साव का मानना है कि उन्होंने अपने स्तर पर छोटी पहल कर गांव को जलसंकट से निजात दिलाने की कोशिश की है. यदि सरकार से मदद मिले तो बड़े पैमाने पर तालाब और कुओं के जरिए वर्षा के जल को संचित किया जा सकता है.

बिगन साव के बाल सफेद हो चुके हैं और उनके चेहरे पर झुर्रियां पड़ चुकी हैं लेकिन आज भी जल संरक्षण के प्रति उनका जुनून देखने लायक है. इससे एक बात तो साफ है कि जहां चाह है वहां राह है. जाहिर है कि अकेले सरकार जल संरक्षण को लेकर चमत्कार नहीं कर सकती है लेकिन आम आदमी के सहयोग से यह संभव हो सकता है. कुछ लोग केवल सरकारी सहायता पर निर्भर रहते हैं, बिगन साव जैसे लोग एक मिसाल कायम कर देते हैं.

Last Updated : Aug 30, 2019, 3:03 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details