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किसानों में खुशी की लहर, राज्य में किसान सम्मान योजना के तहत बांटे गए 2 हजार रुपए - झारखंड न्यूज

हजारीबाग, गिरीडीह, रामगढ़ और साहिबगंज में किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खाते में डीवीटी के माध्यम से 2 हजार रुपये भेजे गए. किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से दूसरे किस्त का राशि बैंक एकाउंट में आने से किसान काफी खुश है.

किसान सम्मान निधि योजना

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Published : Jun 25, 2019, 3:04 AM IST

Updated : Jun 25, 2019, 11:57 AM IST

रामगढ़: झारखंड के हजारीबाग, गिरीडीह, रामगढ़ और साहिबगंज में किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खाते में डीवीटी के माध्यम से 2 हजार रुपए भेजे गए है. इसके साथ ही फरवरी महीने में जिन्हें पहली किस्त दी गई थी, उन्हें दूसरी किस्त और जिन्हें पहली किस्त नहीं मिली थी उन्हें पहली किस्त सोमवार को दी गई.

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23% किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिली राशी
किसान सम्मान निधि योजना के तहत झारखंड के 24 जिलों में से रामगढ़ जिले का चौथा स्थान है यहां लगभग 23% किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में 2 हजार रुपये की दूसरी किस्त भेजी गई. रामगढ़ उपायुक्त ने बताया कि रामगढ़ जिले का चौथा स्थान है. जहां किसान सम्मान निधि योजना के तहत पूरे राज्य में है 9 हजार 48 नए लाभुकों को डीवीटी के माध्यम से 2 हजार भेजा गया है, साथ ही आने वाले दिनों में सभी किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा.

यह योजना किसानों के लिए वरदान से कम नहीं
हजारीबाग के नगर भवन में कार्यक्रम के दौरान झारखंड सरकार के मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की जानकारी किसानों को देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो वादा किया था उसे पूरा किया है. इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि जुलाई महीने में झारखंड सरकार किसानों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 1 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों को न्यूनतम 5 हजार और अधिकतम 25 हजार का लाभ मिलेगा. इस तरह केंद्र और राज्य सरकार की योजना को सम्मिलित करें तो एक किसान को न्यूनतम 11 हजार और अधिकतम 3 हजार कृषि कार्य के लिए मिलेगी.

पीएम सम्मान योजना से किसान हुए खुश
साहिबगंज में किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से दूसरे किस्त का राशि बैंक एकाउंट में आने से किसान काफी खुश है. उनका कहना है कि पैसे के अभाव में खेती समय पर नहीं कर पाते थे. जिससे फसल बर्बाद हो जाता था या तो महाजन या साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता था. जिससे कर्ज को बोझ बढ़ जाता था. लेकिन इस योजना से समय पर पैसा आने से कर्ज नहीं लेना पड़ा और फसल लहलहा रहा है.

कृषि अनुसंधान परिषद ने दिया तोहफा
वहीं, गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के 250 किसानों के बीच निःशुल्क धान बीज का वितरण किया गया. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत 250 किसानों के बीच 10 टन धान बीज का वितरण किया गया. मौके पर उपस्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डॉक्टर अविनाश पांडेय ने बताया कि छोटे किसानों के उत्थान के लिए उनके बीच धान बीज का वितरण किया गया. उनहोंने बताया कि आगे भी इन किसानों के बीच कृषि प्रावधानों का वितरण समूह में किया जाएगा.

Last Updated : Jun 25, 2019, 11:57 AM IST

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