पलामू: गढ़वा के इलाके में मानव जीवन के लिए खतरा बना तेंदुआ 200 किलो तक वजन उठा सकता है और यह काफी शातिर है. तेंदुआ को मारने की अनुमति मांगी गई है. PCCF वाइल्ड लाइफ तेंदुआ को मारने की अनुमति देंगे. पलामू टाइगर रिजर्व और उसके आस पास के इलाके में पिछले पांच वर्षों में तेंदुआ संख्या बढ़ी है, इनकी आबादी बढ़ कर 90 से 110 तक पंहुच गई है. ऐसा पहली बार हुआ है कि इलाके में तेंदुआ मानव जीवन को निशाना बना रहा है.
Leopard Terror in Garhwa: मानव जीवन के लिए खतरा बना तेंदुआ, उठा सकता है 200 किलो तक वजन, अकेला रहना करता है पसंद
पिछले कुछ दिनों से गढ़वा में तेंदुआ का आतंक जारी है. तेंदुआ अबतक तीन लोगों को अपना शिकार बना चुका है, जबकि कुछ लोगों को घायल कर छोड़ दिया है. आखिर आदमखोर तेंदुआ की जीवनशैली कैसी होती है, इस रिपोर्ट में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट से जानते हैं...
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव बताते हैं कि तेंदुआ बिल्ली प्रजाति का एक शातिर जंगली जीव है. यह छुप कर वार करता है, एक बार में यह 200 किलो तक वजन उठा सकता है. शिकार करने के बाद सीधा पेड़ पर इसे लेकर चढ़ जाता है. बाघ, जंगली कुत्ता, हायना से अपने शिकार को बचाने के लिए तेंदुआ पेड़ पर चढ़ जाता है. प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव बताते हैं कि तेंदुआ अकेला रहना पसंद करता है. दिन में यह आसानी से नजर नहीं आता है बल्कि रात में यह छुप कर अपना शिकार करता है. यहां तक कि वह अपने मादा के साथ भी नहीं रहता है, प्रजनन के बाद वह उसे छोड़कर चला जाता है.
बूढ़ा या जख्मी होने पर मानव जीवन के लिए खतरा बनता है तेंदुआ: प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव बताते है कि तेंदुआ बूढ़ा या जख्मी होने पर मानव जीवन के लिए खतरा बन जाता है. वे बताते है कि तेंदुआ अक्सर कमजोर को निशाना बनाता है. तेंदुआ काफी ताकतवर जीव है. गढ़वा में तेंदुआ को लेकर हाई अलर्ट भी जारी किया गया. रमकंडा भंडरिया इलाके के लोगों को सावधान रहने की भी बात कही गई है. लगातार लोकेशन मानव बस्ती के अगल-बगल मिल रही है. हैदराबाद से पहुंचे मशहूर शूटर नवाब सफत अली खान की टीम ने मंगलवार को रमकंडा के कुशवार में तेंदुआ को देखा था. आरसीसीएफ कुमार आशुतोष ने बताया कि टीम लगातार इलाके में कैंप कर रही है. तेंदुआ को मारने की अनुमति मांगी गई है. तेंदुआ पिछले एक महीने से गढ़वा के इलाके में आतंक मचा रहा है. इलाके में तेंदुआ अब तक तीन बच्चों को मार चुका है.