पलामूःझारखंड-बिहार सीमा पर मौजूद माओवादियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना छकरबंधा तबाह हो गया है, लेकिन आज भी छकरबंधा में माओवादियों के कई राज दफन हैं. इलाके को माओवादी छोड़ कर भाग गए हैं, लेकिन उनके कई आधुनिक हथियार अब तक बरामद नहीं हुए हैं. छकरबंधा के इलाके में माओवादियों के पास इजराइली हथियार एम 16, एक्स 95 , एके 56, एके 47 जैसे कई अत्याधुनिक हथियार थे. इसका खुलासा गिरफ्तार और आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के टॉप कमांडरों ने किया है.
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इजरायल निर्मित एम 16 की नक्सलियों ने की थी खरीदारीःपुलिस द्वारा गिरफ्तार टॉप माओवादी अभय यादव ने सुरक्षा एजेंसी और सुरक्षाबलों को बताया था कि 2015-16 में माओवादियों ने 17-17 लाख में इजरायल निर्मित हथियार एम 16 के एक खेप को मंगवाया था. चतरा के लावालौंग मुठभेड़ में मारा गया टॉप माओवादी अजीत उर्फ चार्लीस ने ही माओवादियों को एम 16 और एक्स 95 हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी. आत्मसमर्पण करने वाले टॉप माओवादियों ने पुलिस को बताया है कि शुरुआत में एम 16 हथियार खरीदने पर संगठन में विरोध हुआ था. इस विरोध के बाद कुछ दिनों में लिए इसके खरीद पर रोक लगा दी गई थी. माओवादी इस हथियार का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे रहे थे. एम 16 में लगा यूबीजीएल ठीक से काम नहीं कर रहा था और टारगेट तक नहीं पहुंच पा रहा था.
प्रमोद मिश्रा और संदीप यादव ने एम 16 की खेप की खरीद की थीःपुलिस गिरफ्त में अभय यादव और आत्मसमर्पण करने वाले इनामी माओवादी नवीन यादव ने सुरक्षाबलों को बताया है कि प्रमोद मिश्रा और संदीप यादव ने मिलकर एम 16 को खरीदा था. इस हथियार की खरीद में बिहार के चर्चित हस्ती की भूमिका थी, उसी ने हथियार को माओवादियों के दस्ते तक पहुंचाया था. अभय यादव और नवीन यादव ने सुरक्षाबलों को बताया है कि एम 16 हथियार टॉप माओवादी कमांडर नितेश यादव और संदीप यादव के दस्ते के पास था. दोनों ने बताया है कि हथियारों की खरीद की पूरी जानकारी संदीप यादव और प्रमोद मिश्रा के पास रहती थी.
नक्सली संदीप की मौत के बाद टूट गया हथियार खरीद का नेटवर्कःसंदीप यादव की जून 2022 में बीमारी से मौत हो गई थी, जबकि प्रमोद मिश्रा फरार है. संदीप की मौत के बाद माओवादियों का हथियार खरीद का नेटवर्क टूट गया है. दोनों माओवादियों ने पुलिस अधिकारियों को बताया है कि संदीप यादव ने 2016-17 में एक साथ एक दर्जन से अधिक एके 47 मंगवाया था. तस्कर बिहार के गया के असम से हथियार को लेकर पहुंचते थे. असम से हथियारों को माओवादियों के बच्चे तक पहुंचाया जाता था.
माओवादियों के किन कमांडरों के पास कौन-कौन से थे हथियारःमाओवादियों के कमांडरों के पास कई आधुनिक हथियार मौजूद थे. 25 लाख के इनामी टॉप माओवादी संदीप यादव (मृत) के पास एके 56, आत्मसमर्पण कर चुके 25 लाख के इनामी नवीन यादव के पास एक्स 95, मुठभेड़ में मारे गए आजाद गंझू के पास एके 47, गिरफ्तार कुंदन यादव के पास एके 56, मनोहर गांझू के पास इंसास, परमजीत के पास एके 47, लाल दीप के पास एसएलआर, चतरा के लावालौंग मुठभेड़ में मारे गए गौतम पासवान और अर्जित उर्फ चार्लीस के पास एके 56 रहता था. दोनों टॉप माओवादी कमांडरों ने पुलिस को बताया कि छकरबंधा के इलाके में माओवादियों के पास 30 से अधिक एके 47, 20 से अधिक एके 56 मौजूद थे.