पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) देसी हथियार तैयार कर अपराधी गिरोहों को बेचता है और अपने समर्थकों के बीच भी बांटता है. संगठन के कमांडरों को हथियार के कारोबार से बड़े पैमाने पर आय होती थी. टीएसपीसी देसी कट्टा, देसी बंदूक और रायफल तैयार कर ग्रामीणों और अन्य अपराधिक गिरोह को बेचता है. यही हथियार अपने समर्थकों को भी देता है.
पलामू चतरा सीमा पर मनातू के अनगड़ा में रविवार को पुलिस और टीएसपीसी के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मौके से TSPC हथियार के कारखाने को ध्वस्त किया था. मौके से आधा दर्जन के करीब अधूरे हथियार, तीन देसी रायफल और हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए थे. घटनास्थल से पुलिस को कई सबूत मिले हैं जिससे यह पता चला है कि बड़े पैमाने पर देसी हथियार तैयार किया था.
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टेंट और कपड़े के घेरे में चल रहा था हथियार का कारखाना
पलामू चतरा सीमा पर अनगड़ा के घने जंगलों में TSPC का हथियार का कारखाना चल रहा था. कारखाने को चारों तरफ से कपड़े से घेर दिया गया था और टेंट लगा कर हथियार तैयार हो रहा था. नक्सलियों का यह चलता फिरता कारखाना था जो वक्त पर कंही शिफ्ट किया जा सकता था.
सुरक्षा में तैनात था बड़ा दस्ता
जिस इलाके में यह कारखाना था वह चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ था. कारखाने की सुरक्षा में टीएसपीसी का दस्ता हमेशा तैनात रहता था. अनगड़ा में चल रहे हथियार के कारखाने की सुरक्षा में खुद TSPC का टॉप कमांडर था.
TSPC के दस्ते ने जवानों पर AK-47 से किया फायरिंग
पलामू , चतरा जिलाबल और जगुआर की टीम जैसे ही अनगड़ा में नक्सलियों के हथियार के कारखाने के नजदीक पंहुची. TSPC के दस्ते ने AK-47 से जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी. जानकारी के अनुसार आक्रमण के नेतृत्व में 25 से 30 की संख्या में टीएसपीसी का दस्ता मौके पर मौजूद था. मुठभेड़ के दौरान सभी भाग खड़े हुए. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार टीएसपीसी का दस्ता हथियार को तैयार कर अपने नए कैडर को भी देता है या जेल से कोई सदस्य बाहर निकल कर आया है तो उसे भी दिया जाता है.