पलामू: एशिया प्रसिद्ध पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में एक दशक बाद तीन बाघों की पुष्टि हुई है. तीन में से एक बाघ पर्यटकों के इलाके में मौजूद है. कैमरा ट्रैप और स्कैट की जांच के बाद तीनों बाघों की पुष्टि हुई है. एक बाघ मार्च, दूसरा नवंबर के पहले सप्ताह जबकि तीसरा नवंबर के अंतिम सप्ताह में देखा गया है.
एक बाघ को पर्यटकों ने भी देखा है और अधिकारियों को बताया है. तीनों बाघ एक प्रजाति के हैं और युवा है. सभी की उम्र पांच से छह वर्ष बताई जा रही है. तीनों बाघों ने अब तक आठ मवेशियों का शिकार किया है. इसके अलावा अन्य वन्य जीवों का भी शिकार किया है. विभाग में बाघों के स्कैट, पदचिन्ह की जांच के लिए नेशनल वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट को भेजा था. जांच रिपोर्ट में भी बाघ की पुष्टि हुई है.
2018 में पीटीआर में बाघों की संख्या शून्य बताई गई थी:नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने 2018 में देशभर में बाघों की गिनती करवाई थी. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघों की संख्या शून्य बताई गई थी. 2014-15 में पीटीआर के इलाके में बाघों की मौजूदगी को लेकर कई सवाल उठ रही थी. 2023 में पीटीआर के इलाके में तीन बाघों की पुष्टि हुई है. पलामू टाइगर रिजर्व निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में तीन बार मौजूद है. बाघों के मूवमेंट पर निगरानी रखी जा रही है और वन कर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि बाघ ने मवेशी समेत अन्य वन्य जीवों का भी शिकार किया है.
बांधवगढ़ से लगातार बाघ दाखिल हो रहे पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में:पलामू टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व कॉरिडोर से जुड़ा हुआ है. मार्च के महीने में पलामू टाइगर रिजर्व में दाखिल हुआ बाघ बांधवगढ़ से आया था. संभावना है कि तीनों बाघ पीटीआर और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कॉरिडोर का हिस्सा है. मिली जानकारी के अनुसार बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के इलाके से तीन बाघ गायब हैं, आशंका जताई जा रही है कि यही तीनों बाघ पीटीआर के इलाके में दाखिल हुए हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का भी कहना है कि उन्हें इस बात की सूचना नही है कि बांधवगढ़ के इलाके से बाघ गायब हैं. हालांकि पीटीआर बांधवगढ़ से जुड़ा है. वर्षों से बाघ एक दूसरे इलाके में दाखिल होते रहते हैं. बाघ 700 से 800 किलोमीटर तक का सफर तय करता है.
पीटीआर में 1973-74 में मौजूद थे 50 बाघ:पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. बाघों के संरक्षण के लिए 1971-72 में देशभर में नौ टाइगर रिजर्व बनाए गए थे. उसी दौरान पलामू टाइगर रिजर्व में 50 बाघ के मौजूद होने की पुष्टि हुई थी. 2005 में बाघों की संख्या 38 बताई गई थी, 2007 में बाघों की संख्या 17 बताई गई थी, 2009 में बाघों की संख्या छह बताई गई थी, 2017 में एक बाघ की पुष्टि हुई थी.
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