पलामूःमेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थापना के तीन वर्ष हो गए हैं. तीन वर्षों में इसका नाम पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से बदलकर मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल तक कर दिया गया, लेकिन व्यवस्थाएं जस की तस हैं. इसमें कोई सुधार नहीं हुआ. यहां कामकाज के हालात इतने खराब हैं, चिकित्सक और स्टाफ इतने मनमाने हो गए हैं कि कोई सुपरिंटेंडेंट नहीं बनना चाहता. मेडिकल कॉलेज (MMCH) में अव्यवस्था की बाबत पूछे जाने पर हताश सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि उन्हें माफ कर दीजिए उनसे यहां की खराब व्यवस्था में सुधार नहीं होगा, उन्हें हटा दिया जाए. वे इस उम्र में किच-किच नहीं कर सकते.
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दरअसल, MMCH में अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बिट्टू पाठक सुपरिटेंडेंट डॉ. आरडी नागेश के पास पहुंचे थे. कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने अस्पताल से डॉक्टरों के नदारद होने, निजी क्लीनिक चलाने समेत MMCH के सुपरिंटिंडेंट को यहां के हालात की जानकारी दी और व्यवस्था में सुधार की मांग की. इस पर उन्होंने कहा कि वे अस्थायी सुपरिंटेंडेंट हैं, वह व्यवस्था में सुधार नहीं कर सकते हैं. उन्होंने विभाग और सरकार को लिखकर कई बार दिया है कि नए सुपरिंटेंडेंट की यहां तैनाती की जाए. उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से ही व्यवस्था में सुधार हो सकता है. वे किच-किच नहीं कर सकते हैं. 66 वर्ष की उम्र में नौकरी कर रहे हैं यहां काम करना आसान नहीं है.
जानें क्यों हुए हताश कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बिट्टू पाठक ने कहा कि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता में है. व्यवस्था में सुधार नहीं होता है तो वह पूरे मामले को सरकार में पास रखेंगे. उन्होंने कहा कि सुपरिंटेंडेंट ने आश्वासन दिया है कि डॉक्टरों की मौजूदगी को लेकर रिपोर्ट तैयार करेंगे. बिट्टू पाठक ने कहा कि देखा गया कि रोस्टर के अनुसार डॉक्टर मौजूद नहीं थे. उन्होंने कहा कि कहा सुपरिटेंडेंट से कहा गया है कि समस्याओं के समाधान के लिए उनकी पोस्टिंग की गई है. कई डाक्टर एक पैर हॉस्पिटल तो एक पैर निजी क्लीनिक में रखते हैं, इस पर उन्होंने अपनी विवशता जाहिर की.