पलामू: झारखंड में स्थानीयता एक बड़ा मुद्दा है. मामले में सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर आकर फैसला लेने की जरूरत है. इस मुद्दे पर झारखंड में आग लगाई जा रही है और भाई-भाई को लड़ाया जा रहा है. 50-70 सालों से रहने वाला व्यक्ति भी झारखंडी है. झारखंड की लड़ाई में उसने भी अहम भूमिका निभाई है. यह बातें एनसीपी के हुसैनाबाद विधायक कमलेश सिंह ने पलामू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही.
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विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि स्थानीयता के मामले में भाई-भाई को लड़ाया जा रहा है, 1932 का खतियान का मामला उठाकर मुख्य मुद्दा बेरोजगारी को गौण किया जा रहा है. झारखंड में बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैं. सरकार को युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में पहल करनी चाहिए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एनसीपी सरकार का समर्थन कर रही है, लेकिन जनहित के मुद्दों पर वे सवाल उठाते रहेंगे. हिंदी, भोजपुरी, मगही को उसकी जगह मिलनी चाहिए. झारखंड में भाषा विवाद के नाम पर जहर बोया जा रहा है.
झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा लड़ेगा लड़ाई: झारखंड में गठित तीसरे मोर्चे में भी कमलेश सिंह शामिल है. विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा में सुदेश महतो, सरयू राय, अमित यादव, लंबोदर महतो समेत कई लोग शामिल हैं. मोर्चा जनहित के मुद्दों को लेकर आवाज उठाएगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा और अन्य जगहों पर अधिकारी जनहित से जुड़े हुए मुद्दों को गौण कर देते हैं और सही जवाब नहीं देते हैं. इसे ही देखते हुए तीसरा मोर्चा का गठन किया गया है. मौके पर एनसीपी के प्रदेश महासचिव अजीत सिंह, प्रदेश प्रवक्ता सूर्या सोनल समेत कई लोग मौजूद थे.
हुसैनाबाद विधायक कमलेश सिंह का बयान