पलामू:लॉकडाउन में फंसे मजदूरों का दर्द छलक रहा है. वे अब दोबारा मजदूरी के लिए परदेस नहीं जाना चाहते हैं. वे साफ कहते है गांव में कि खेती करेंगे, लेकिन वापस परदेस नहीं जाएंगे, लेकिन कई मजदूर हालात के अनुसार निर्णय लेने की बात कहते हैं.
रोजगार खत्म हुआ है, हौसला नहीं
पलामू में 40 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर पलामू लौट चुके हैं. किसी ने सरकारी सुविधा का फायदा उठा कर ट्रेन से घर पंहुचा है तो किसी ने सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल और साइकिल से तय किया है. सभी के चेहरे पर रोजगार जाने का गम तो है, लेकिन घर पंहुचने की खुशी भी है. पलामू में लगातार प्रवासी मजदूर और कामगार लौट रहे हैं. रोजान एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन पलामू पंहुंच रही है. उतर प्रदेश के अमेठी से साइकिल चला कर पलामू पंहुचे महेश सिंह बताते हैं कि वह 200 किलोमीटर पैदल चलने के बाद अपने बुरे दिनों के लिए रखे आठ हजार रुपये से साइकिल खरीदा और घर पंहुंचे हैं. उसका कहना है कि रोजगार खत्म हुआ है, हौसला नहीं. खेती करेंगे और पेट पालेंगे.
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