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25 लाख के इनामी टॉप माओवादी मारकस को तलाश रही हैं सुरक्षा एजेंसियां, बूढ़ा पहाड़ इलाके में छिपे हीने की आशंका

सुरक्षा एजेंसियां 25 लाख के इनामी माओवादी कमांडर मारकस बाबा को ढूंढ रहीं हैं. माना जा रहा है कि वे बूढ़ा पहाड़ इलाके में ही कहीं छिप कर बैठा है.

Security agencies are looking for top Maoist Markus
Security agencies are looking for top Maoist Markus

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Published : Apr 30, 2023, 6:58 PM IST

पलामू:मारकस उर्फ सौरव पर झारखंड की सरकार ने 25 लाख रुपये का इनाम रखा हुआ है. मारकस बाबा मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद में अम्बा इलाके का रहने वाला है. मारकस माओवादियों का सेंट्रल कमेटी सदस्य है. इसे माओवादियों ने 2021 में बूढ़ा पहाड़ इलाके की कमान सौंपी थी. अभी तक ये सुरक्षाबलों के हाथ नहीं आया है. बुढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के सफाये के बाद उसकी तलाश तेज कर दी गई है.

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सितंबर-अक्टूबर 2022 से बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों खिलाफ अभियान ऑक्टोपस शुरू किया गया है. अभियान के बाद बूढ़ापहाड़ पर सुरक्षाबलों का कब्जा हो गया है. बूढ़ा पहाड़ पर अभियान के बाद टॉप कमांडर मारकस बाबा अपनी टीम के साथ फरार हो गया. इलाके में सुरक्षाबल की करीब 10 कंपनियां उसकी तलाश कर रही हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार मारकस बाबा बीमार है और अपने कुछ दस्ता के सदस्यों के साथ बूढ़ा पहाड़ के नजदीक के किसी इलाके में छिपा हुआ है.

एजेंसियों के अनुसार मारकस बाबा झुक कर चलता है जिस कारण वह ग्रामीण आबादी से दूर है और छिपा हुआ है. सुरक्षाबल और एजेंसी उसकी तलाश कर रही है. 2021 में बूढ़ापहाड़ के इलाके का टॉप कमांडर मिथिलेश मेहता और बन बिहारी गिरफ्तार हो गया. मिथिलेश के गिरफ्तारी के बाद माओवादियों ने मारकस बाबा को ही बूढ़ा पहाड़ का कमान दिया था. सुरक्षाबलों ने बूढ़ा पहाड़ के इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है और माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने को तबाह कर दिया है.

मारकस को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी किया है और बूढ़ा पहाड़ के इलाके में आने जाने वाले सभी रास्तों पर निगरानी बढ़ा दी है. सुरक्षा एजेंसी और बालों कोआशंका है कि मारकस अपने सबसे सुरक्षित ठिकाने को छोड़ कर भाग सकता है. इस पर झारखंड-बिहार में 50 से अधिक नक्सल हमले में शामिल रहने का आरोप है. उसकी पारिवारिक पृष्टभूमि भी नक्सल की रही है.

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