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बाघ देखने पर पांच हजार रुपए का इनाम, पीटीआर में मार्च के बाद नहीं दिखा एक भी टाइगर

पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघ दिखने और इसके सबूत देने पर पांच हजार रुपए का नगद इनाम दिया जाएगा. बता दें कि बेतला नेशनल पार्क में एक बाघिन की मौत फरवरी महीने में हो गई थी, उसके बाद से एक भी बाघ नहीं देखा गया है.

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पलामू टाइगर रिजर्व

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Published : Jul 16, 2020, 5:07 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 5:29 PM IST

पलामू:एशिया के बड़े टाइगर प्रोजेक्ट में से एक पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघ दिखने और इसके सबूत देने पर पांच हजार रुपए का नगद इनाम दिया जाएगा. इसकी घोषणा पलामू टाइगर रिजर्व ने की है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बेतला नेशनल पार्क में एक बाघिन की मौत फरवरी महीने में हो गई थी. उस दौरान पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में तीन बाघ बताए जा रहे थे. मार्च के बाद से पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघ नहीं देखे गए हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर वाईके दास बताते हैं कि पीटीआर में बाघ दिखने के सबूत देने वाले ग्रामीणों को नगद इनाम दिया जाएगा. इसको लेकर कई इलाकों में ग्रामीणों के साथ बैठक की गई है.

देखें पूरी खबर
सबसे पहले पलामू टाइगर रिजर्व से शुरू हुई थी बाघों की गिनतीदेश में पहली बार 1932 बाघों की गिनती पलामू से ही शुरू हुई थी. पलामू टाइगर रिजर्व 1026 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जबकि इसका कोर एरिया 226 वर्ग किलोमीटर में है. 1974 में पूरे देश में बाघों को संरक्षित करने के लिए एक साथ नौ इलाकों में टाइगर प्रोजेक्ट की योजना शुरू की गई थी. पलामू टाइगर रिजर्व उन नौ इलाकों में से एक है, जंहा बाघों को संरक्षित करने का काम सबसे पहले शुरू हुआ था. 1974 में पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के इलाके में 50 बाघ बताए गए थे. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 350 ट्रैकर, जबकि 110 से अधिक वनरक्षी तैनात हैं.

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पलामू टाइगर रिजर्व की कुछ जानकारियां
पलामू टाइगर रिजर्व का इलाका पूरी तरह से नक्सल प्रभावित है. टाइगर प्रोजेक्ट के कोर एरिया में नौ परिवार रहते हैं, जबकि बफर एरिया में 78 परिवार 136 गांव हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बेतला नेशनल पार्क है, जहां पर्यटक घूमने आते हैं. टाइगर रिजर्व कोयल के इलाके में कोयल और औरंगा नदी है, मंडल डैम भी इसी इलाके में है.

Last Updated : Jul 16, 2020, 5:29 PM IST

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