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पलामू टाइगर रिजर्व में केड पिकेट खाली करने को लेकर भेजी जाएगी रिपोर्ट, CRPF पिकेट जांच मामले में रिमाइंडर - पलामू टाइगर रिजर्व पिकेट खबर

पलामू टाइगर रिजर्व में पिकेट खाली करने को लेकर सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी. इसके तहत कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिकेट को खाली करने का आदेश दिया था.

palamu tiger reserve
पलामू टाइगर रिजर्व

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Published : Oct 22, 2020, 2:21 PM IST

पलामू: टाइगर रिजर्व के इलाके में मौजूद पिकेट खाली करने को लेकर सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी. केड पिकेट में आईआरबी के जवान तैनात है. यह इलाका लातेहार के बरवाडीह अनुमंडल क्षेत्र में है. नक्सल अभियान के दृष्टिकोण से यह पिकेट सुरक्षाबलों के लिए महत्वपूर्ण है. कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिकेट को खाली करने का आदेश दिया था.


पलामू टाइगर रिजर्व
इस मामले में पलामू टाइगर रिजर्व ने 13 जुलाई को लातेहार पुलिस को पत्र लिखकर 15 दिनों के अंदर पिकेट को हटाने कहा था और पिकेट कहीं और स्थानांतरित करने को कहा था. पीटीआर ने मामले में 20 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से 36 लाख रुपये किराये भी मांगे थे. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक वाईके दास ने बताया कि मामले में सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी.


CRPF पिकेट जांच मामले में रिमाइंडर
एशिया प्रसिद्ध पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में CRPF कैंप से वन संपदा और वन्य जीवों का हो रहे नुकसान की जांच होगी. इस संबंध में पलामू टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर ने सभी उपनिदेशक और रेंज ऑफिसर को इसके लिए रिमाइंडर दिया है. पलामू टाइगर रिजर्व 1024 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. पूरा इलाका अतिनक्सल प्रभावित है. यह इलाका माओवादियों के सुरक्षित मांद बूढ़ा पहाड़ से सटा हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में CRPF के 9 कैंप है, जिससे नक्सल विरोधी अभियान का संचालन होता है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में सीआरपीएफ कैंप भोजन बनाने के लिए किस तरह का इंजन का इस्तेमाल कर रही है. क्या पीटीआर के इलाके में वन्य लकड़ियों को काटा जा रहा है? सीआरपीएफ कैंप के माध्यम से वन्यजीवों का शिकार या उसकी तस्करी तो नहीं जा रही है ?

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लकड़ियों की तस्करी
सीआरपीएफ कैंप ने वन भूमि का अतिक्रमण तो नहीं किया है. सीआरपीएफ कैंप की तरफ से पलामू टाइगर रिजर्व के संरचनाओं पर अवैध कब्जा के बिंदु पर भी जांच की जानी है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में लकड़ियों की तस्करी में कई बिंदुओं पर पहले भी जांच हुई है. जिसमें नेतरहाट और भंडरिया के इलाके में पुलिस की अहम भूमिका सामने आई.

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