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मृत बाघिन हो सकती है 'रानी', अपने जीवन के अंतिम दिनों में हो चुकी थी काफी कमजोर - मृत बाघिन हो सकती है 'रानी

बेतला नेशनल पार्क में शनिवार को एक बाघिन मृत अवस्था में पाई गई थी. इसको लेकर पलामू टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर वाईके दास ने यह संभावना जताई है कि मृत बाघिन रानी हो सकती है, क्योंकि रानी बाघिन 2004 के बाद टाइगर रिजर्व के इलाके में नहीं देखी गई थी. साथ ही साथ बाघिन काफी बूढ़ी भी हो गई थी.

rani may be dead tiger in Betla National Park
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Published : Feb 17, 2020, 8:26 PM IST

पलामू: बेतला नेशनल पार्क से बरामद मृत बाघिन रानी बाघिन का हो सकता है. रानी बाघिन 2004 के बाद टाइगर रिजर्व के इलाके में नहीं देखी गई थी. शनिवार को बेतला के दो नंबर रोड में बाघिन का शव बरामद हुआ था.

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पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क में एक बाघिन मृत अवस्था में पाई गई थी. वन विभाग की पेट्रोलिंग टीम ने शनिवार रात बाघिन का शव बरामद किया था. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारी साल 2004 में लिए गए रानी की फोटो की तलाश कर रहे है. उस दौरान बाघिन रानी का एक फोटो सामने और एक पीछे के तरफ से लिया गया था. शनिवार को बरामद हुए बाघिन के शव को जला दिया गया है. विभाग ने बाघिन का दिल, पेट और लंग के कुछ भाग को जांच के लिए हैदराबाद लैब को भेजा है. पलामू टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर वाईके दास ने बताया कि मृत बाघिन रानी बाघिन हो सकती है. डायरेक्टर ने यह दावा किया है कि मृत बाघिन का कद-काठी रानी बाघिन के जैसा ही था.

बुढ़ापे के कारण कमजोर हो चुकी थी बाघिन

अंतिम समय में रानी बाघिन काफी कमजोर हो गई थी. बुढ़ापे के कारण वह घने जंगलों को छोड़ बेतला नेशनल पार्क के बाहरी इलाके में आ गई थी. अधिकारियों के अनुसार मृतक बाघिन की उम्र करीब 18 वर्ष था. आमतौर पर बाघ 15-16 वर्ष से अधिक जिंदा नहीं रहते हैं. अधिकारियों के अनुसार मृतक बाघिन का दांत, पंजे और शरीर बड़े शिकार के लिए सक्षम नहीं थे. यही कारण था कि बाघिन छोटे शिकार करने लगी थी, जैसे खरगोश, साहिल, बकरी का बच्चा आदि का शिकार करने लगी थी. बाघिन के मुह से साहिल के कांटे भी मिले हैं. डायरेक्टर वाईके दास ने बताया कि बेतला नेशनल पार्क को स्कैन किया जा रहा है, पार्क सोमवार से पर्यटकों के लिए खुल चुका है. जबकि जिस रोड पर बाघिन का शव बरामद हुआ था उसे अगले 10 दिनों के लिए बंद रखा गया है.

पलामू टाइगर रिजर्व में आधा दर्जन बाघों के होने की संभावना
पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में आधा दर्जन से अधिक बाघों के होने की संभावना जताई जा रही है. साल 2019 में जारी एक रिपोर्ट में पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में एक भी बाघ नहीं बताया गया था, जबकि इस इलाके में पिछले चार महीने में 3 बाघ ट्रैक हुए थे. जिसमें से एक रानी बाघिन भी थी. डायरेक्टर वाईके दास ने बताया कि यह संभावना है कि पीटीआर में पांच से छह बाघ और हो सकते हैं.

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बता दें कि पलामू टाइगर रिजर्व 1029 वर्ग किलोमीटर में है फैला है, जबकि कोर टाइगर रिजर्व का इलाका 226 वर्ग किलोमीटर में है. पलामू टाइगर रिजर्व में साल 1974 में 50 बाघ थे. बाघों की गिनती देश में पहली बार साल 1932 में की गई थी. 2005 में पीटीआर में 38, 2007 में 17, 2009 में 6 बताए गए थे. वहीं, साल 2018 में पलामू टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं होने की खबर थी. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में जंगली जानवरों के 970 प्रजातियां है. साथ ही 131 प्रकार के जंगली जड़ी-बूटी, 47 स्तनधारी जीव और 174 प्रकार के पक्षी हैं.

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