पलामू: प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान के तहत मिट्टी और पत्तों से बने हुए उत्पाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस कड़ी में रेलवे स्टेशनों पर मिट्टी के बर्तनों की बिक्री शुरू की गई है. पलामू में रेलवे के सेंट्रल इंडस्ट्रीयल कोर (सीआईसी) सेक्शन के डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन (Daltonganj railway station) से इसकी शुरुआत की गई है. मृदा पलाश स्वालंबी सहकारी समिति लिमिटेड के द्वारा डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर मिट्टी के बर्तनों का स्टॉल (Pottery stall) लगाया गया है. इस स्टाल में मिट्टी के सभी तरह के बर्तन रखे गए हैं.
रेलवे स्टेशनों पर बिक रहे हैं मिट्टी के बर्तन, आजादी के अमृत महोत्सव पर शुरू हुई पहल - मिट्टी के बर्तनों का स्टॉल
प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान के तहत पलामू के डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन (Daltonganj railway station) पर मिट्टी के बर्तनों का स्टॉल (Pottery stall) लगाया गया है. यहां हर तरह के मिट्टी के बर्तन रखे गए हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षिक कर रहे हैं. ग्राहक इस स्टॉल से कप, ग्लास, बिरियानी पॉट आदि खरीद रहे हैं.
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लोगों को आकर्षित कर रहे हैं मिट्टी के बर्तन: माटी कला बोर्ड के सदस्य अविनाश देव ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के दौरान रेलवे के पहल पर स्टॉल लगाया गया है. आज मिट्टी के बर्तनों की मांग धीरे-धीरे काम होती जा रही है. प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान के बाद मिट्टी के बर्तनों के मांग में तेजी आने की उम्मीद है. स्टॉल में मिट्टी के कई तरह के बर्तन ग्राहकों के लिए उपलब्ध हैं. रेलवे स्टेशन पर लगे मिट्टी के बर्तनों के स्टॉल से ग्राहक बाद बड़ी संख्या में कप, ग्लास और बिरियानी पॉट खरीद रहे हैं.
छोटे कुटीर उद्योगों को दिया जा रहा है बढ़ावा: अविनाश देव ने बताया कि स्टॉल में आज स्थानीय मिट्टी के कलाकारों द्वारा बनाए गए बर्तनों का उपयोग किया जा रहा है. इस तरह से मिट्टी के बर्तनों के छोटे कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है. डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन, धनबाद रेल डिवीजन का दूसरा सबसे बड़ा आय वाला स्टेशन है. डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन से राजधानी एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस समेत 36 छोटी-बड़ी ट्रेन गुजरती है.