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सैंडर्स और बड़ा तालाब के अतिक्रमण पर राजनीति गर्म, कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया जमीन कब्जाने का आरोप

पलामू में सैंडर्स और बड़ा तालाब के अतिक्रमण पर राजनीति गर्म हो गई है. कांग्रेस का आरोप है कि मेयर और विधायक ने तालाब की जमीन पर अतिक्रमण किया है. इस पर भाजपा विधायक ने कहा कि मेरा अतिक्रमण से कोई लेना देना नहीं है.

Encroachment on Sanders and Bada Talab in Palamu
पलामू में सैंडर्स और बड़ा तालाब पर अतिक्रमण

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Published : Apr 7, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Apr 7, 2021, 10:50 PM IST

पलामू:अप्रैल के पहले सप्ताह में ही पलामू का तापमान 42 डिग्री तक पहुंच गया है. कुदरत की गर्मी के बीच पलामू में जलश्रोतों को लेकर राजनीतिक तापमान भी काफी बढ़ गया है. पलामू प्रमंडल का मुख्यालय मेदनीनगर के बड़ा और सैंडर्स तालाब के अतिक्रमण के मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. इन सबके बीच मत्स्य जीवी सहयोग समिति ने भी आंदोलन शुरू कर दिया है. दरअसल, पलामू के बड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है जबकि सैंडर्स तालाब के बड़े हिस्से पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण किया है. बड़ा तालाब जो गणपत तालाब के नाम से जाना जाता है 16 एकड़ और सैंडर्स तालाब 8.48 एकड़ में फैला हुआ है. दोनों तालाब मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में जल स्तर को बनाए रखने के लिए काफी महत्वपूर्ण है.

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मेयर समेत कई लोगों पर अतिक्रमण का आरोप

सैंडर्स तालाब और बड़ा तालाब को लेकर पलामू में राजनीति उबाल पर है. सैंडर्स तालाब पर अतिक्रमण करने का आरोप कांग्रेस नेताओं ने मेयर और कई बड़ी हस्तियों पर लगाया है. मेदिनीनगर नगर निगम मेयर भाजपा से हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि मेयर और विधायक अतिक्रमण कर रहे हैं. मामले में जल्द कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर तालाब की जमीन किसी को भी बंदोबस्त हुई है तो उसे तुरंत रद्द किया जाए.

भाजपा विधायक बोले-अतिक्रमण से कोई लेना देना नहीं

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बिट्टू पाठक का कहना है कि तालाब की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा. भाजपा विधायक आलोक चौरसिया का कहना है कि उनका अतिक्रमण से कोई लेना देना नहीं है. उनका कोई मॉल नहीं है. उन्होंने कहा कि तालाब में किसी प्रकार की गड़बड़ी है तो इसकी शिकायत की जाए. इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

मछली उत्पादन से जुड़े हैं 150 परिवार

सैंडर्स तालाब जो कभी 8.49 एकड़ में फैला होता था आज करीब चार से पांच एकड़ में ही सिमट कर रह गया है. सैंडर्स तालाब में 1958 से मत्स्य जीवी सहयोग समिति मछली का उत्पादन कर रही है. इससे करीब 150 परिवार जुड़े हुए हैं. मत्स्य विभाग को सलाना लाखों की आमदनी होती है. सहयोग समिति के सचिव रंजीत कुमार बताते हैं कि यह तालाब काफी छोटा हो गया है. इसकी न तो सफाई हो रही है और न किसी का ध्यान इस ओर है. तालाब अतिक्रमण का शिकार हो गया है. इसे अतिक्रमण मुक्त कराने की जरूरत है. आवाज उठाने पर मछली पालकों को धमकी दी जाती है.

नागरिक संघर्ष मोर्चा तालाब के अतिक्रमण के मामले को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहा है. मोर्चा से जुड़े देवेंद्र गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने आरटीआई से कई जानकारी मांगी थी जिसमें कई खुलासे हुए हैं. उन्होंने कहा कि बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए 2015-16 की रिपोर्ट को आधार बनाया गया है. बिना किसी अभियान के तालाब को अतिक्रमण मुक्त बताया गया है.

Last Updated : Apr 7, 2021, 10:50 PM IST

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