पलामूः झारखंड पुलिस का एक जवान अपहरण गिरोह के साथ साथ नक्सलियों के समानांतर दस्ता चलाता था. इस दस्ते ने कई बड़े अपहरण कांडों को अंजाम दिया था. कई अपहरण का मामला सामने आया जबकि कई पीड़ित सामने नहीं आए. देवघर जिला बल में तैनात जवान प्रेमनाथ यादव गढ़वा के रमकंडा का रहने वाला है. 25 मई को पलामू के नावाबाजार थाना क्षेत्र के कंडा घाटी से बिहार के औरंगाबाद के व्यवसायी मिथिलेश प्रसाद और उनके ड्राइवर का अपहरण हुआ था. तीन महीने दोनों का नरकंकाल गढ़वा के रमकंडा पुंदागा से बरामद हुआ. पूरे अपहरण कांड का मास्टरमाइंड प्रेमनाथ यादव था. पलामू पुलिस के सामने प्रेमनाथ ने कई बड़े खुलासे किए हैं.
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गिरोह के पास मौजूद है स्पेशल हथियार, नक्सलियों को करता था सप्लाई
प्रेमनाथ यादव 2005 बैच का सिपाही है. मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र में वह वर्षों तक तैनात रहा. प्रेमनाथ यादव पहले भी अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने के आरोप में जेल गया था. वो नक्सलियों के समानांतर दस्ता चलाता था. देवघर में वह बैठ कर गिरोह का संचालन करता था. जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार प्रेमनाथ के दस्ते के पास 20 के करीब हथियार हैं. जिसमें एके 47, एसएलआर समेत कई हथियार शामिल हैं. प्रेमनाथ ने टीएसपीसी और जेजेएमपी के टॉप कमांडर को एके 47 देने के लिए भी पैसे लिए हैं. वो पलामू के एक बड़े आपराधिक गिरोह से भी ताल्लुक रखता है. जवान के गिरोह ने खास तरीके का हथियार बनवाया था, जो देखने मे एके 47 जैसा लगता है, लेकिन वह देसी रायफल है. पुलिस यह पता लगा रही है कि यह हथियार कहां बनाया जा रहा है.
दर्जनों घटना को दे चुका है अंजाम