पलामूः माओवादियों के यूनीफाइड कमांड बूढ़ा पहाड़ (Maoists Unified Command Budha Pahar) के जिस इलाके नक्सलियों का कैंप चलता था. अब वहां सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया जाएगा. बूढ़ा पहाड़ माओवादियों का अभेद किला रहा (Budha Pahad stronghold of Naxalites) है. हाल ही में सुरक्षाबलों ने बूढ़ा पहाड़ को घेर कर अभियान शुरू किया था. लेकिन बारिश के कारण अभियान को बंद करना पड़ा. सुरक्षाबलों के बूढ़ा पहाड़ के सबसे टॉप पर मौजूद झींकपानी, पीपरढाब और पुंदाग के इलाके में पुलिस का कैंप बनाया जाएगा. झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य मिलकर कैंप (Police will set up camp in Budha Pahad) स्थापित करेंगे.
बूढ़ा पहाड़ जल्द होगा नक्सल मुक्त, माओवादियों के इलाके में पुलिस कैंप स्थापित करने की पहल - बूढ़ा पहाड़ नक्सल मुक्त
पलामू, गढ़वा और लातेहार जिला के दुर्गम इलाके में बूढ़ा पहाड़ की सीमा छत्तीसगढ़ राज्य से लगी है. दुर्दांत नक्सलियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ में पुलिस कैंप उन इलाकों में लगाया जाएगा जहां पर माओवादी अपना कैंप चलाते थे. सुरक्षाबलों का कैंप लगाने की पहल के बाद जल्द ही बूढ़ा पहाड़ नक्सल मुक्त होगा.
![बूढ़ा पहाड़ जल्द होगा नक्सल मुक्त, माओवादियों के इलाके में पुलिस कैंप स्थापित करने की पहल Police will set up camp in Buddha Pahad stronghold of Naxalites](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-16234238-thumbnail-3x2-palamujh.jpg)
इसे भी पढ़ें- बरसात में बूढ़ा पहाड़ पर फोर्स का रोंगटे खड़ा करने वाला ऑपरेशन, इलाके को लाल आतंक से आजाद कराने की कोशिश
फिलहाल बूढ़ा पहाड़ (Buddha Pahad Jharkhand) के इलाके में एक दर्जन के करीब सुरक्षाबलों का कैंप मौजूद है. सुरक्षा एजेंसियां को सूचना मिली थी कि बूढ़ा पहाड़ के झींकपानी के इलाके में माओवादी बड़ी बैठक कर अपना ट्रेनिंग कैंप चला रहे है. इसी सूचना के आलोक में झारखंड और छत्तीसगढ़ ने नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान (joint operation against naxalites) शुरू किया था. इस अभियान में 40 से कंपनी से अधिक सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था. पलामू रेंज के डीआईजी राज कुमार लकड़ा ने बताया कि मुख्यालय के तरफ से फोर्स मिला और अभियान शुरू किया गया था. लेकिन बारिश के कारण बंद किया गया.