पलामूः आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पलामू कोर्ट ने पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता को बरी कर दिया है. गुरुवार को पलामू एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल न्यायाधीश सतीश कुमार मुंडा की अदालत ने विधायक डॉ शशिभूषण मेहता को रिहा किया है.
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दरअसल 25 अप्रैल 2016 को पांकी विधानसभा क्षेत्र तरहसी के मिसिर दोहरा में डॉ शशिभूषण मेहता चुनावी सभा कर रहे थे, सभा में भाग लेने वाले लोगों के लिए खाने की भी व्यवस्था की गई थी. इस सभा की अनुमति नहीं लेने का आरोप डॉक्टर शशिभूषण मेहता पर था. मामले में तत्कालीन आदर्श आचार संहिता कोषांग के प्रभारी नंद कुमार मिश्रा ने शशिभूषण मेहता के खिलाफ तरहसी थाना में नामजद एफआईआर दर्ज करवाई थी.
शशिभूषण मेहता के खिलाफ 171ई, 171एफ और 134 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराएं लगाई गई थी. पूरे मामले में पलामू कोर्ट ने साक्ष्य अभाव में पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता को बरी कर दिया. डॉ शशि भूषण मेहता गुरुवार को पलामू एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए थे. दरअसल उस दौरान एक दैनिक अखबार में छपी खबर के आधार पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला सामने आया था.
पूरे मामले में पुलिस ने भी अपनी अनुसंधान रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की थी. अदालत ने साक्ष्य के अभाव में अभियोजन के द्वारा मुकदमा साबित नहीं करने के कारण डॉ शशि भूषण मेहता को बरी किया है. बचाव पक्ष के तरफ से अधिवक्ता राहुल सत्यार्थी ने बहस की. पूरे मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में 2016 से मामले की सुनवाई चल रही थी.
2016 में डॉ शशिभूषण मेहता विधायक का चुनाव जीत नहीं पाए थे. 2019 में डॉ शशिभूषण नेता भाजपा की टिकट पर पांकी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हैं. कुछ दिनों पहले भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में पलामू कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में डॉक्टर शशिभूषण मेहता को बरी किया था.