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पलामू: झारखंड के सबसे लंबे पुल तक जाने की सड़क जर्जर, बेकार पड़ा नवनिर्मित पुल

पलामू केदंगवार-मोहम्मदगंज मुख्यपथ से 12 किलोमीटर झारखंड का सबसे लंबा पुल तक जाने में वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वाहन चालक पंसा सुंडिपुर पुल की ओर जाना नहीं चाहते हैं और पुल बेकार पड़ा है.

palamu's Jharkhand's longest bridge became useless
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Published : Feb 5, 2021, 4:34 PM IST

पलामू: जिला के दंगवार-मोहम्मदगंज मुख्यपथ से 12 किलोमीटर झारखंड का सबसे लंबा पुल तक जाना काफी मुश्किल भरा साबित हो रहा है. हैदरनगर मुख्य पथ से पुल तक जाने में एक घंटे का समय लग जाता है. वाहन चालक इस पुल के बजाय उंटारी रोड स्थित कोयल नदी पर बने पुल का उपयोग करना ज्यादा बेहतर समझते हैं. पंसा-सुंडिपुर पुल की लंबाई ढाई किलो मीटर है. मुख्यपथ हैदरनगर से वहां तक जाने के लिए वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. परिणाम वाहन चालक पंसा सुंडिपुर पुल की ओर जाना नहीं चाहते हैं. जिससे पुल बेकार पड़ा है.

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125 करोड़ रुपए की लागत से हुआ था निर्माण

पुल का निर्माण लगभग 125 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था. 12 किलोमीटर सड़क जर्जर होने की वजह हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र समेत गढ़वा जिला के अलावा यूपी व छत्तीसगढ़ जाने वाले लोगों को पुल का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि पुल का निर्माण 2 साल पहले ही पूरा हो गया है. इस पुल से आने जाने में लोगों को इसलिए परेशानी होती है. हैदरनगर से सफर तय करने में हिचकोले खाते हुए एक घंटे का समय लगता है. यही वजह है कि लोग इस पुल से नहीं जाकर 20 किलोमीटर दूर स्थित उंटारी रोड पुल पार कर गढ़वा, छत्तीसगढ़ उत्तर प्रदेश आते जाते हैं.

स्थाई समाधान पीडब्ल्यूडी से होगा संभव

ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए संपर्क पथ भी बन चुका है. संपर्क पथ का बचा हुआ काम भी किया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल और स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर पंसा-सुंडिपुर पुल को जल्द से जल्द चालू कराना चाहते हैं, मगर जब तक 12 किलोमीटर पथ का निर्माण नहीं होगा और पुल बेकार साबित होगा. इस संबंध में स्थानीय विधायक कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि पथ की हालात जर्जर और हैदरनगर-पंसा पथ आरईओ के अधीन है. इस पथ को पीडब्ल्यूडी के अधीन करने की अनुशंसा वो छह माह पहले ही कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि इसका स्थाई समाधान पीडब्ल्यूडी से ही संभव है.

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