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Palamu News: तुगलकी फरमान सुनाने वाले पंचायतों पर होगी कार्रवाई, पुलिस कर रही कार्रवाई की तैयारी - Gram Panchayat Illegal Decision

ग्राम पंचायत में कई ऐसे फैसले पर पुलिस प्रशासन के लोगों ने आपत्ति जताई है. ऐसे लिए गए फैसलों पर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.

Police Action Against Gram Panchayat
पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा

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Published : May 28, 2023, 12:09 PM IST

जानकारी देते पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा

पलामू:एक वक्त था जब गांव की पंचायतों में हुए फसलों का हर स्तर पर सम्मान दिया जाता था. हाल के दिनों में कुछ मामले ऐसे आए हैं जिसमें आपराधिक घटनाओं को लेकर पंचायत कानून को अपने हाथ में लेकर तुगलकी फरमान सुना रही हैं. जिसके कई उदाहरण सामने आए हैं. पंचायतें ग्रामीण इलाकों में हत्या और दुष्कर्म के मामले को दबाने का प्रयास कर रही है. इन पंचायतों खिलाफ पुलिस बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है. पलामू गढ़वा लातेहार में कानून को अपने हाथ में लेने वाले पंचायत के खिलाफ दर्ज एफआईआर के डाटा और उसकी स्थिति को खंगाला जा रहा है.

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पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि कानून को किसी भी व्यक्ति को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. पुलिस पर कानून के पालन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई. पंचायत या अन्य कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेता है तो पुलिस उसके के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. आईजी ने ग्रामीणों से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का आग्रह किया है. पलामू प्रमंडल में पिछले एक सप्ताह के अंदर तीन मौकों पर पंचायत ने कानून को अपने हाथ में लिया या तुगलकी फरमान को सुनाया है.

पलामू के पाटन थाना क्षेत्र में लड़की ने शादी से इनकार किए जाने के बाद पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए लड़की का सिरमुड़वा कर जंगल में छोड़ दिया था. इस दौरान लड़की की पिटाई भी की गई थी. पलामू के सदर थाना क्षेत्र में मुखिया के देवर ने एक महिला के साथ दुष्कर्म किया था, घटना के बाद गांव में पंचायत बैठी थी और पूरी घटना को दबाने का प्रयास किया गया था. गढ़वा जिला के खरौंधी में भी प्रेम संबंधों को लेकर पंचायत ने फरमान सुनाया था और लड़की को उसके प्रेमी के हाथों में सौंप दिया था.

36 से अधिक की गई है जान:पिछले एक दशक के आंकड़ों पर गौर करें तो पलामू गढवा और लातेहार में 65 से अधिक पंचायतों पर एफआईआर दर्ज हुआ है. कई ऐसे भी मामले हैं जिन पर एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है, शिकायतकर्ता सामने नहीं आए हैं. पंचायत के फैसले के बाद 36 से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं. 40 से अधिक दुष्कर्म के मामले में पंचायत बैठी है, जिनमें आरोपियों को बचाया गया है.

कई पंचायत के मुखिया व जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बुलाई गई. शुरुआत में पंचायतों खिला पुलिस सख्त कार्रवाई करती है. बाद में पूरा मामला शिथिल पड़ जाता है. पंचायतों के तुगलकी फरमान के बाद 2016-17 में पलामू पुलिस ने एक गाइडलाइन भी जारी किया है. जारी गाइडलाइन में कहा गया था कि गांव में छोटे-मोटे विवाद या किसी भी तरह के विवाद को लेकर पंचायत की सूचना स्थानीय थाना को देनी है.

पलामू प्रमंडल में कई मौकों पर पंचायत का तुगलकी चेहरा निकल कर सामने आया है. पिछले पांच वर्ष के फैसलों को देखें तो पलामू के रामगढ में अगस्त 2021 में भरी पंचायत में दुष्कर्म पीड़िता को बदचलन साबित किया गया था और 40 हजार का जुर्माना लगाया गया था. जिसके बाद लड़की के पिता ने आत्महत्या कर ली थी. रामगढ़ थाना क्षेत्र में है प्रेमी जोड़े को पंचायत में पकड़ लिया था बांधकर पिटाई की गई थी. बाद में प्रेमिका ने आत्महत्या कर लिया था. एक महीना पहले लातेहार में दुर्घटना के मामले में पंचायत बैठी थी और अंधविश्वास में एक दंपती को पीट-पीटकर मार डाला गया था. चार दिन पहले लातेहार के बालूमाथ में प्रेम संबंधों को लेकर पंचायत हुई थी, जिसमें नाबालिक जोड़ों की शादी करवा दी गई.

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