पलामू: मांओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकाना बूढ़ापहाड़ को सुरक्षाबलों ने खाली करवाने में सफलता पाई है. बूढ़ापहाड़ पर ऑपरेशन ऑक्टोपस के बाद माओवादी इलाके को छोड़कर भागने पर मजबूर हुए हैं. बूढ़ापहाड़ के बाद सुरक्षाबलों का अगला टारगेट पलामू, लातेहार और चतरा सीमा को नक्सल संगठनों से मुक्त करवाना है, कोबरा, सीआरपीएफ, जगुआर, जैप, आईआरबी मिलकर इलाके को नक्सल मुक्त बनाने के लिए रणनीति तय कर रहे हैं.
Naxal Operation in Jharkhand: बूढ़ापहाड़ के बाद पलामू-लातेहार और चतरा को कराया जाएगा नक्सलियों से मुक्त, जल्द शुरू होगा ऑपरेशन, टारगेट पर हैं ये सब - चतरा में नक्सल विरोधी अभियान
बूढ़ापहाड़ के बाद पलामू, लातेहार और चतरा सीमा को नक्सलियों से मुक्त करवाया जाएगा. इसे लेकर सुरक्षाबलों ने रणनीति तैयार कर ली है, जल्द ही अभियान की शुरुआत भी हो जाएगी.
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अगले कुछ दिनों में इलाके में एक बड़ा नक्सल अभियान शुरू किया जाएगा. इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी, तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC), झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) का दस्ता सक्रिय है. बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा से निकलकर भागे का टॉप माओवादी इसी इलाके को अपना ठिकाना बनाए हुए हैं. एक टॉप आईपीएस अधिकारी ने बताया कि इलाके में नक्सलियों खिलाफ रणनीति तय की गई है और कई नक्सल कमांडर पुलिस के टारगेट पर हैं. इलाके को नक्सल मुक्त बनाने के लिए जल्द ही अभियान की शुरुआत की जाएगी.
नया ठिकाना बनाना चाहते है माओवादी: पलामू, चतरा और लातेहार का सीमावर्ती क्षेत्र माओवादियों के मध्यजोन और कोयल शंख जोन को जोड़ता है. बूढ़ापहाड़ अभियान के लिए इलाके में कुछ सुरक्षा बलों के कैंप को खाली करवाया गया था. इसी का फायदा माओवादी और नक्सल संगठन उठाना चाहते थे और इलाके में नया दस्ता खड़ा करना चाहते थे. सुरक्षा एजेंसियों को इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद पूरे इलाके के लिए रणनीति तय की गई है. पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले टॉप माओवादी नवीन यादव ने इस संबंध में सुरक्षाबल और पुलिस को कई अहम जानकारी दी थी. यह इलाका माओवादियों के छकरबंधा और बूढ़ा पहाड़ कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा है. हालांकि इस इलाके में एक दर्जन से भी अधिक पुलिस कैंप मौजूद हैं. अभियान के दृष्टिकोण से पलामू लातेहार के इलाके से कुछ कैंपों को खाली करवाया गया था.
इलाके में सक्रिय है एक दर्जन से अधिक टॉप नक्सल कमांडर: पलामू, चतरा और लातेहार सीमावर्ती क्षेत्रों में एक दर्जन से भी अधिक टॉप नक्सली सक्रिय हैं, जिन पर लाखों रुपए का इनाम है. इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के टॉप कमांडर 25 लाख के इनामी गौतम पासवान, 15 लाख के इनामी मनोहर गंझू, 15 लाख के इनामी नीरज खरवार, 10 लाख के इनामी अरविंद मुखिया, 10 लाख के इनामी सुनील यादव के नेतृत्व में दस्ता सक्रिय है. वहीं, प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के टॉप कमांडर 15 लाख के इनामी आक्रमण गंझू, 10 लाख के इनामी शशिकांत के नेतृत्व में दस्ता सक्रिय है. वहीं, झारखंड जनमुक्ति परिषद के 10 लाख के इनामी पप्पू लोहरा, 05 लाख के इनामी सुनील उरांव के नेतृत्व में दस्ता सक्रिय है.