पलामू: लोगो की जान बचाने और उनके स्वस्थ्य जीवन के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन ग्राउंड जीरो पर हालात कुछ और ही है. जान बचाने वाले जान से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसी कड़ी में ईटीवी भारत पलामू में स्वाथ्य व्यवस्था को लेकर एक कड़ी लेकर आया है. पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 48 किलोमीटर दूर छत्तरपुर अनुमंडलीय अस्पताल की हालात दयनीय है. रात आठ बजे के बाद इस अस्पताल से डॉक्टर गायब हो जाते हैं.
आयुष डॉक्टर के सहारे चल रहा छतरपुर अनुमंडल अस्पताल, ऑपरेशन के बाद फर्श पर रखे जाते हैं मरीज
पलामू के छतरपुर अनुमंडल अस्पताल के ओपीडी में आयुष डॉक्टर बैठकर मरीजों का इलाज करते हैं. लोगो की जान बचाने और उनके स्वस्थ्य जीवन के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन ग्राउंड जीरो पर हालात कुछ और ही है. जान बचाने वाले जान से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
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ऑपरेशन के बाद मरीजों को लिटाया गया फर्श पर
अनुमंडल अस्पताल में बंध्याकरण का ऑपरेशन के बाद मरीजों को फर्श पर लिटाया गया था, जबकि मरीज फर्श पर घंटों बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. कोई मरीज एक घंटे से तो कोई मरीज तीन घंटे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. मामले में चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि अस्पताल में बेड की संख्या 30 है और ऑपरेशन के लिए मरीज दबाव डाल रहे हैं, जिस कारण भीड़ लगी हुई है.