पलामूःप्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने बूढ़ापहाड़ के इलाके के जंगलों में ग्रामीणों के घुसने पर रोक लगा दी है. नक्सलियों ने ग्रामीणों को जंगल में न घुसने का फरमान जारी किया है.
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बूढ़ापहाड़ का बड़ा भाग झारखंड के गढ़वा और लातेहार जिले में फैला हुआ है. शनिवार शाम इसी बूढ़ापहाड़ के जोंकपानी इलाके में आईईडी ब्लास्ट हो गया था, जिसमें टुन्नू यादव नाम के ग्रामीण की मौत हो गई थी. मृतक टुन्नू यादव छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के पीपरढाब का रहने वाला था. घटना के बाद माओवादियों का दस्ता टुन्नू यादव के शव को लेकर गांव पहुंचा था. इसके बाद नक्सलियों ने ग्रामीणों को जंगल में न जाने की हिदायत दी.
माओवादियों ने लैंडमाइंस को लेकर चेताया
बता दें कि माओवादियों ने अपने सबसे सुरक्षित मांद बूढ़ापहाड़ के इलाके में लैंड माइंस का जाल बिछाया है. माओवादियों ने ग्रामीणों से कहा कि ग्रामीण जंगल में न जाएं, जंगलों में जगह-जगह लैंड माइंस लगाई गई है. टुन्नू यादव प्रेशर आईईडी का शिकार हुआ था. इधर सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली है कि बूढ़ापहाड़ के इलाके में बड़ी संख्या लैंड माइंस बिछाई गईं हैं. जिस इलाके में माइंस विस्फोट की घटना हुई है, वहां और माइंस होने की संभावना है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बूढापहाड़ के इलाके में माओवादियो ने प्रेशर आईईडी और क्लेमोर माइंस बिछाई है.
मिथिलेश उर्फ रोहित के पास है बूढ़ापहाड़ की कमान
सुरक्षाकर्मियों के मुताबिक माओवादियों के सेंट्रल कमिटी सदस्य मिथिलेश उर्फ रोहित के पास बूढ़ापहाड़ इलाके की कमान है. मिथिलेश मेहता कुछ महीने पहले ही बूढ़ापहाड़ पहुंचा है और सख्त नियम लागू किए हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में नवीन यादव, विमल यादव और मृत्युंजय भूइयां का दस्ता सक्रिय है. हालांकि विमल यादव के दस्ता छोड़ भागने की खबर निकल कर सामने आई है और जल्द ही आत्मसमर्पण करने की सूचना है.
पलामू पुलिस ने करीब दो वर्ष पहले माओवादी प्रवक्ता मुराद के भाई को पकड़ा था, उसके पास एक चिप थी. जिसमें बूढ़ापहाड़ पर कैडर को लेकर चिंता जाहिर की गई थी. चिप में दो पत्र थे जिसे सेंट्रल कमिटी सदस्य रोहित उर्फ मिथिलेश उर्फ अभिषेक ने लिखा था. रोहित ने यह भी लिखा है कि जोनल स्तर बैठक नहीं हुई है. 2013-14 में माओवादियों ने बूढ़ापहाड़ को अपना ठिकाना बनाया था. 2018 में एक करोड़ के इनामी माओवादी देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद की मौत के बाद सुधाकरन को बूढ़ापहाड़ के इलाके की कमान सौंपी गई थी. सुधाकरन के आत्मसमर्पण के बाद रोहित उर्फ मिथिलेश उर्फ अभिषेक को माओवादियों ने कोयल शंख जोन और बूढ़ापहाड़ की कमान सौंपी है.
टॉप माओवादी अरविंद का करीबी रहा है मिथिलेश उर्फ रोहित
मिथिलेश उर्फ रोहित उर्फ अभिषेक माओवादियों के थिंक टैंक माने जाने वाले अरविंद का करीबी रहा है. मिथिलेश बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है. मिथिलेश अरविंद का सुरक्षा इंचार्ज और मेडिकल इंचार्ज भी रहा है. रोहित पर बिहार झारखंड में कई बड़े नक्सल हमले के आरोप हैं. 2013-14 में लातेहार के कटिया की घटना में रोहित मुख्य आरोपी है. इस घटना में सीआरपीएफ के 17 जवान शहीद हुए थे. इसी घटना में पहली बार माओवादियों ने शहीद जवान के पेट में बम लगाया था.
क्षेत्र का जानकार है रोहित, बूढ़ापहाड़ के इलाके में रोहित के पहुंचने की है सूचना
रोहित उर्फ अभिषेक बूढ़ापहाड़ के इलाके का जानकार है. अरविंद के साथ उसने वर्षों तक इसी इलाके में कैम्प किया है. बूढ़ापहाड़ कोयल शंख जोन में आता है. कोयल शंख जोन में लोहरदगा, पलामू, लातेहार, गढ़वा, गुमला, सिमडेगा के इलाके आते हैं. इसमें सुरक्षाबलों के लगातार अभियान के बाद माओवादी कमजोर हो गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार मिथिलेश बिहार के छकरबंधा से निकल कर बूढ़ापहाड़ के इलाके में कुछ महीने पहले पहुंचा है.