पलामू:प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) अपने दस्ते से बच्चों को जोड़ने की कोशिश कर रहा है. टीएसपीसी पलामू, चतरा और बिहार से सटे हुए गया के सीमावर्ती इलाकों में बच्चों को दस्ते को जोड़ रहा है. पलामू पुलिस के टीएसपीसी के दस्ते के पास से बच्चों से जुड़े हुए कई कागजात मिले हैं, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि टीएसपीसी दस्ते में बच्चों को शामिल किया है.
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गुरुवार को पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के बिसरांव जंगल में सुरक्षाबल और टीएसपीसी के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ के बाद सर्च अभियान में पुलिस बच्चों के जूते और कॉपी मिले थे. यह कॉपी चौथी क्लास के बच्चों के थे और उस पर नाम भी लिखा हुआ है. पुलिस कॉपी पर लिखे नामों को वेरीफाई कर रही है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस को सर्च अभियान में कई सामग्री मिली है जिसमें बच्चों से जुड़े हुए जूते और सामग्री भी मिले हैं. इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि टीएसपीसी बच्चों का इस्तेमाल कर रहा है. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि ग्रामीणों को मामले में जागरूक किया जा रहा है नजर भी रखी जा रही है.
झारखं बिहार सीमावर्ती इलाके में बचे हैं 15 से 20 टीएसपीसी के कैडर:पुलिस के अनुसार झारखंड बिहार सीमावर्ती इलाके में तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के 15 से 20 कैडर बचे हुए हैं. पिछले पांच वर्षों में पलामू, चतरा, लातेहार और बिहार के गया सीमावर्ती इलाके में एक दर्जन से भी अधिक बार सुरक्षाबलो और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है, जबकि 70 से अधिक टॉप कमांडर पकड़े गए हैं.
इस इलाके में टीएसपीसी खुद को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. उसके कैडर लगातार घट रहे है. जिसके बाद उसने बच्चों को इस्तेमाल करने की योजना को तैयार किया है. 2004-05 में टीएसपीसी का गठन किया गया था. टीएसपीसी का प्रभाव क्षेत्र पलामू ,चतरा, हजारीबाग, गढ़वा, लातेहार, रांची, रामगढ़ के इलाके में अधिक रहा है.