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पलामूः अनुसूचित आयोग ने की मॉब लिंचिंग घटना की जांच, मुकदमे में कई धाराओं को जोड़ने का निर्देश - पलामू में दलित की हत्या

पलामू में साल 2018 में हुए मॉब लिंचिंग की घटना की जांच राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के निदेशक ने की. इस घटना में एक दलित की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. घटना में 30 नामजद और 700-800 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

ग्रामीणों से बात करते निदेशक

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Published : Oct 18, 2019, 11:03 PM IST

पलामूः जिले के पांडू थाना क्षेत्र के तिसिबार में हुए मॉब लिंचिंग की घटना की जांच राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के निदेशक ने की. अनुसूचित आयोग की टीम पटना से शुक्रवार की शाम तिसिबार पंहुची थी. जांच का अगुवाई निदेशक एसके दुबे कर रहे थे. 5 सितंबर 2018 को तिसिबार में मॉब लिंचिंग की घटना हुई थी और एक दलित की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.

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गौरतलब है कि इस दौरान तीन और दलित गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. जांच के क्रम में आयोग की टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया. घटना से संबंधित परिवार से पूछताछ की. इस दौरान आयोग की टीम ने पुलिस को प्राथमिकी में एससी-एसटी के धाराओं को जोड़ने का निर्देश दिया. जिससे पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जा सके. वहीं, तिसिबार में मॉब लिंचिंग के शिकार लोग बिहार के डिहरी के इलाके के रहने वाले हैं. सभी पर पलामू के उटारी रोड थाना में चोरी के आरोप में मामला भी दर्ज है.

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क्या है मामला
4 सितंबर 2018 को तिसिबार के बगल के गांव में एक घर में डकैती की घटना हुई थी. इस दौरान डकैतों ने एक व्यक्ति पर टांगी से वार भी किया था. इसी घटना के दूसरे दिन मॉब लिंचिंग की घटना हुई थी. तिसिबार में ही एक व्यक्ति के घर शादी के लिए बिहार के डिहरी से लोग आए हुए थे. इसी दौरान मॉब लिंचिंग की घटना घटी थी.


सैकड़ों अज्ञात पर दर्ज प्राथमिकी
बता दें कि घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पंहुची पुलिस को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. पुलिस ने हवाई फायरिंग कर बंधकों को मुक्त करवाया था. बचाने से पहले एक बंधक की मौत हो गई थी. मामले में 30 पर नामजद जबकि 700 से 800 अज्ञात ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. गांव के जनप्रतिनिधियों पर भी प्राथमिकी दर्ज हुई थी. घटना के बाद गांव में अस्थाई पुलिस कैंप भी बना दिया गया था.

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