पलामू: 26 जुलाई को पूरा देश कारगिल की लड़ाई को लेकर गौरवशाली मसहूस करता है. इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. पलामू में कारगिल के कई ऐसे वीर हैं, जिन्होंने लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी. कुछ वीर सीधे लड़ाई में शामिल थे तो कुछ वीरों ने अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभाई थी.
कारगिल की लड़ाई नहीं थी आसान
पलामू के ऐसे ही एक वीर हैं नायब बृजेश शुक्ला, जो कारगिल की लड़ाई के दौरान राजस्थान में तैनात थे. वो 54 इंफैट्री डिवीजन में तैनात थे. यह डिवीजन कारगिल लड़ाई में तैनात जवानों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देता था, जबकि राजस्थान सीमा पर दुश्मनों के संभावित हमले को लेकर तैनात था. ईटीवी भारत की टीम ने बृजेश शुक्ला से खास बातचीत की तो उन्होंन बताया कि कारगिल की लड़ाई आसान नहीं थी. जवानों को लॉजिस्टिक सपोर्ट पंहुचाना जरूरी था. एक तरफ राजस्थान सीमा और दूसरी तरफ कागरिल के जवानों को मदद पंहुचानी थी. कारगिल की लड़ाई के दौरान आशंका थी कि दुश्मन राजस्थान सीमा पर हमला कर सकता था, इसलिए वो पूरे अलर्ट पर थे.