पलामू: जिले में पंचायत का एक और खौफनाक चेहरा निकल कर सामने आया है. पंचायत में दुष्कर्म पीड़िता को दो दिनों तक पुलिस के पास पहुंचने से रोके रखा था. पीड़िता किसी तरह पुलिस के पास पहुंची है जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है. दरअसल, दुष्कर्म का आरोप मुखिया के देवर पर लगा है. यह पूरी घटना पलामू के सदर थाना क्षेत्र की है. हालांकि पीड़िता ने पुलिस को दिए आवेदन में पंचायत का जिक्र नहीं किया है.
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मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. 16 मई की रात मुखिया का देवर पीड़िता के पति को लेकर विवाह समारोह में गया था. पति को छोड़ने के बाद मुखिया का देवर पीड़िता का घर पहुंचा और दरवाजा खुलवाया. आरोपी ने पीड़िता के पति के अधिक शराब पीने के बाद रोड पर सोने की बात बोल कर दरवाजा खुलवया था. पीड़िता ने जैसे ही दरवाजा खोला आरोपी उसका मुंह बंद कर सुनसान इलाके में ले गया और दुष्कर्म किया.
इसी क्रम में पीड़िता का पति घर में पहुंचा और घर का दरवाजा खुला पाया. पत्नी को घर में नहीं देखे जाने के बाद पति खोजबीन करने लगा और उसे खोजते घटनास्थल पर पहुंचा. पति के पहुंचने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया. बाद में पीड़िता ने पति को पूरी कहानी बताई. घटना के बाद मुखिया और अन्य ग्रामीणों ने मामले को दबाने के लिए पंचायत बैठाया था. पंचायत में समझौता का प्रयास किया गया और पीड़िता को पुलिस के पास जाने से रोका गया. मुखिया के पति ने बताया कि मामले में समझौता करने का प्रयास किया गया है और छोटी मोटी बैठक हुई है.
सदर थाना प्रभारी गौतम कुमार ने बताया कि पीड़िता के आवेदन पर एफआईआर दर्ज किया गया है और मामले में छानबीन की जा रही है. पीड़िता ने लिखित आवेदन में पंचायत का जिक्र नहीं किया है. पलामू प्रमंडल में पंचायत द्वारा कानून को अपने हाथ में लेने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. पंचायत तुगलकी फरमान सुना रहे हैं और कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं.