पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने अपने सबसे सुरक्षित ठिकानों में से एक बूढ़ापहाड़ का नया कमांडर मरकस बाबा उर्फ सौरव को बनाया है. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले बूढ़ापहाड़ का कमांडर मिथिलेश मेहता उर्फ वनबिहार उर्फ भिखारी संगठन छोड़ कर भाग गया था और बिहार में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. मिथिलेश मेहता की गिरफ्तारी के बाद माओवादी संगठन ने मरकस बाबा को कमांडर बनाने का निर्णय लिया है.
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मरकस बाबा उर्फ सौरव माओवादी संगठन के बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ के साथ साथ उत्तर प्रदेश कमिटी का सदस्य है. झारखंड सरकार ने मरकस बाबा पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. मरकस मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है और 2021 की शुरुआत से ही बूढ़ापहाड़ इलाके में डेरा डाले हुआ है. इसके साथ ही कमांडर मिथिलेश मेहता और नवीन यादव का सहयोग कर रहा था. सुधाकरण के आत्मसमर्पण के बाद भी कुछ महीनों को लिए मरकस बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज रह चुका है.
बूढ़ापहाड़ से ही माओवादी पलामू, गढ़वा, लातेहार, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा आदि इलाके में गतिविधि संचालित करता है. मिथिलेश मेहता ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने पहले ही खुलासा किया है कि बूढ़ापहाड़ पर मात्र 18 से 20 की संख्या में माओवादी कैडर बचे हैं. 2013-14 से ही माओवादियों ने बूढ़ापहाड़ को कोयल शंख जोन का यूनिफाइड कमांड बना के रखा हुआ है.