पलामू:टॉप माओवादी मनोहर गंझू ने करोड़ों रुपये की लेवी वसूली थी. इसी लेवी की रकम के बंटवारे के लिए सभी कमांडर एक जगह जमा होने वाले थे. टॉप माओवादी कमांडर गौतम पासवान और चार्लीस को लिए की रकम मिलने वाली थी. इसी रकम को लेने के लिए माओवादी पलामू-चतरा सीमापर लावालौंग में जमा हो रहे थे. इसका खुलासा पलामू पुलिस के हत्थे चढ़ा टॉप माओवादी नंदकिशोर यादव उर्फ ननकुरिया ने किया है.
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चतरा मुठभेड़ में ननकुरिया जख्मी हुआ था. बाद में पलामू पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है और उसका इलाज रिम्स में किया जा रहा है. नंदकिशोर उर्फ ननकुरिया ने पुलिस को बताया है कि बालूमाथ, हेरगंज, टंडवा, पांकी और कोयला वाले इलाके से मनोहर गंझू को लेवी वसूलने की जिम्मेवारी दी गई थी. मनोहर गंझू ने ही लेवी वसूली है और इसका बंटवारा होना था. उसने पुलिस को बताया है कि मनोहर इलाके से तीन से चार करोड़ की लेवी वसूली है. पहले ये लेवी की रकम संदीप यादव के पास जाती थी लेकिन उसकी मौत के बाद ये रकम गौतम पासवान के पास जाती थी.
अनपढ़ है नंदकिशोर उर्फ ननकुरिया:नंदकिशोर उर्फ ननकुरिया अनपढ़ है. माओवादियों का कैडर कम होने के बाद उसे सब जोनल कमांडर बनाया गया था. माओवादी उसे जोनल कमांडर बनाना चाहते थे लेकिन अनपढ़ होने के कारण उसने जोनल कमांडर बनने से इनकार कर दिया था. उसने बताया है कि लेवी की रकम को भी वह गिन नहीं पाता था.
ननकुरिया ने मनोहर गंझू के दस्ते के बारे में पुलिस को कई जानकारी दी है, जिसके बाद सर्च अभियान चलाया जा रहा है. चतरा मुठभेड़ में जख्मी नंदकिशोर उर्फ ननकुरिया का इलाज कई स्तर पर किया गया है. जख्मी होने के बाद उसने सबसे पहले एक लावालौंग के स्थानीय डॉक्टर से इलाज करवाया, हालात नहीं सुधरने पर उसने एक और स्थानीय डॉक्टर को बुलाया. बाद में उसने एक और स्थानीय डॉक्टर को बुलाया था. पुलिस ने इसी दौरान डॉक्टर और ननकुरिया को गिरफ्तार किया है.