पलामू:प्रतिबंधित नक्सली संगठन सीपीआई माओवादी अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश में है. माओवादियों ने ग्रामीण इलाकों में पंचायत और स्कूल भवनों को अपना भर्ती केंद्र बनाने की घोषणा की है. दरअसल, माओवादी गुरिल्ला सेना का स्थापना सप्ताह चल रहा है. नक्सली 2 से 8 दिसंबर तक पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला (पीएलजीए) स्थापना सप्ताह मना रहे हैं. स्थापना सप्ताह को लेकर माओवादियों ने एक खास इलाके में बड़े पैमाने पर पोस्टर चिपकाए हैं. इस पोस्टर में माओवादियों ने गांव के सरकारी स्कूलों और पंचायत भवनों को अपना भर्ती केंद्र बनाने का ऐलान किया है. हालांकि पुलिस ने सभी पोस्टर हटा दिए हैं. पीएलजीए सप्ताह को लेकर पुलिस ने भी हाई अलर्ट जारी कर दिया है और सरकारी भवनों की सुरक्षा भी बढ़ा दी है.
सीआरपीएफ के जाने के बाद नक्सली बढ़ा रहे अपनी ताकत:पलामू और झारखंड बिहार के सीमावर्ती इलाकों में नक्सली अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं. 4 से 5 साल बाद पहली बार माओवादियों ने विश्रामपुर, पांडू और नावाबाजार इलाके में पोस्टरबाजी की है. माओवादियों ने इस इलाके में भर्ती केंद्र बनाने की भी घोषणा की है. दरअसल, पलामू में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात सीआरपीएफ की टीम को हटा दिया गया है. सीआरपीएफ की वापसी के बाद माओवादियों ने अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी है. पलामू में तैनात सीआरपीएफ की कंपनियों को सारंडा इलाके में तैनात किया गया है. सीआरपीएफ के जाने के बाद नक्सली लगातार अपनी मौजूदगी का एहसास करा रहे हैं.
सीमावर्ती इलाकों में कैडरों की संख्या बढ़ा रहे नक्सली: झारखंड-बिहार सीमा क्षेत्र में माओवादियों के कैडरों की संख्या काफी कम हो गयी है. माओवादी अपना कैडर बढ़ा रहे हैं. शीर्ष माओवादी कमांडर नितेश यादव, संजय गोदराम, सीतामराम रजवार और सुनील विवेक नये कैडर को तैयार कर रहे हैं. पूर्व माओवादी सुरेंद्र यादव ने कहा कि पहले भी माओवादी इस तरह के पोस्टर चिपका चुके हैं और भर्ती केंद्रों की घोषणा कर चुके हैं, सुरक्षा बलों ने माओवादियों की हर योजना को विफल कर दिया है, इस बार सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति में उनके मंसूबों को विफल करना चुनौतीपूर्ण होगा.