पलामूः झारखंड का पलामू रेंज 2020 में नक्सल हिंसा और चुनौती के लिए चर्चित रहा. रेंज के पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में नक्सल गतिविधियों ने फिर से पांव पसारना फिर से शुरू कर दिया है. 2018-19 में नक्सल मुक्त घोषणा की कगार पर गढ़वा का बूढापहाड़ इलाका एक बार फिर से नक्सल गतिवधि के लिए चर्चा में रहा है.
2020 में पलामू में 40 , गढ़वा में 12 , लातेहार में 45 के करीब दर्ज किए गए है. हालांकि इस दौरान पलामू में 18, लातेहार में 26, गढ़वा में आधा दर्जन से अधिक नक्सली गिरफ्तार हुए है. पलामू लंबे वक्त से नक्सल हिंसा के लिए चर्चित रहा है.
नक्सल गतिविधि विकास योजना में बड़ी बाधक
राज्य के पूर्व डीजीपी और पलामू से भाजपा सांसद विष्णु दयाल राम का कहना है कि नक्सल गतिविधि और अशांति विकास के लिए बड़ी बाधक है. झारखंड में यह चिंता का विषय है कि नक्सलियों ने एक बार फिर से पांव पसारना शुरू कर दिया है. खासकर उनके संसदीय क्षेत्र पलामू में स्थिति बदल रही है.
सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि सरकार को जल्द ही नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कारगर कदम उठाने की जरूरत है. पिछले एक वर्ष में यह दुखद है कि नक्सल सिर उठा रहे है, रघुवर दास के कार्यकाल में ऐसा नही था.पुलिस के पास क्या है सुविधा सभी को पता है.
पुलिस बेहतर कर रही काम