पलामूः जिस इलाके में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले नीलांबर और पीतांबर को फांसी दी गई थी उस इलाके में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई है. पलामू के लेस्लीगंज जो नीलांबर पीतांबर पुर के नाम से जाना जाता है वहां उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान दोनों वीर सपूतों के वंशज, विधायक डॉ शशिभूषण मेहता, आलोक चौरसिया, पुष्पा देवी समेत कई राजनीतिक हस्ती मौजूद थे.
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नीलांबर और पीतांबर की प्रतिमा को स्थानीय विधायक डॉक्टर शशिभूषण मेहता ने स्थापित करवाया है. नीलांबर और पीतांबर 1857 की क्रांति के नायक थे, दोनों ने 1863-64 तक अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. 28 मार्च 1863-64 में अंग्रेजों ने उन्हें लेस्लीगंज में फांसी दे दी थी. उनकी शहादत दिवस से एक दिन पहले प्रतिमा का अनावरण किया गया है. इस दौरान उनके वंशजों को भी सम्मानित किया गया है.
मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इतिहास में कई योद्धाओं को जगह नहीं दी गई है. आज दोनों वीर सपूतों के गांव में मूलभूत सुविधा मौजूद नहीं है. पलामू के अगले दौरे में वे दोनों वीर सपूतों के गांव में जाएंगे, वीर सपूतों के गांव की सुध लेना जरूरी है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि नीलांबर और पीतांबर के गांव का विकास नहीं होना दुखद है. कुछ लोग बोलते हैं कि आजादी की लड़ाई उन्होंने लड़ी है, वैसे लोग ऐसे वीर सपूतों को सम्मानित नहीं कर सकते हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सपूतों को सम्मानित कर रहे हैं.
कुछ लोग यह साबित करना चाहते हैं कि एक ही परिवार ने देश के लिए लड़ाई लड़ी है, आजादी की लड़ाई में झारखंड के महापुरुषों की भी बड़ी भूमिका रही है. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि नीलांबर पीतांबर के गांव को दूसरे जगह भी उनके नाम से बसाया जा सकता है.