पलामूः लोकसभा चुनाव में लैंडमाइंस से निबटना सुरक्षाबलों के लिए चुनौती है. झारखंड बिहार और झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा से लगातार लैंडमाइंस और विस्फोटक सामग्री सुरक्षाबलों को मिल रही है. लोकसभा चुनाव से पहले सुरक्षा बल पूरे पलामू रेंज को सेनेटाइज करने में लगे हुए हैं.
आम चुनाव पर सुरक्षाबल चौकस, 2015 से अब तक 4 हजार लैंडमाइंस किए डिटेक्ट
लैंडमाइंस पुलिस के लिए हमेशा सिरदर्द रहे हैं. अक्सर इससे सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुचता रहा है. इसी वजह से पुलिस लगातार लैंडमाइंस डिटेक्ट करने में लगी है. 2015 से अब तक पलामू रेंज में 5 हजार लैंडमाइंस बरामद किए जा चुके हैं.
पलामू रेंज में 29 अप्रैल को चौथे चरण में वोटिंग है. यह इलाका नक्सल प्रभावित है. इस इलाके में लैंडमाइंस बड़ी चुनौती रही है. 2015 के बाद सुरक्षाबल पलामू और लातेहार के इलाके से 4हजार से अधिक लैंडमाइंस बरामद कर चुके हैं. हाल के दिनों में पलामू के बिहार से सीमावर्ती इलाके में दो जगह और लातेहार के एक इलाके से लैंडमाइंस बरामद किया गया है. अगस्त 2015 और 2016 में पलामू-लातेहार सीमा पर लातेहार के इलाके से 3हजार और पलामू के इलाके से 900 से अधिक लैंडमाइंस बरामद हुए थे.
पलामू रेंज के डीआईजी विपुल शुक्ला ने बताया कि लैंडमाइंस से निबटना शुरू से चुनौती रही है. लोकसभा चुनाव को लेकर पुलिस तैयारी कर रही है. लगातार माओवादियों के डंप किया हुआ लैंडमाइंस और विस्फोटक बरामद हो रहा है. डीआईजी ने बताया कि पुलिस को लगातार सूचना मिल रही है. खास बात यह है कि आम लोग भी अब सूचना देने लगे हैं. जो यह बताती है कि लोगों का पुलिस पर विश्वास बढ़ा है. डीआईजी ने आम लोगों से सूचना देने की अपील की है ताकि समय रहते पुलिस लैंडमाइंस बरामद कर सके.