पलामूः गहने, पैसे और संपत्ति की सुरक्षा के लिए लोग अपनी गाढ़ी कमाई बैंक में रखते हैं. इसके लिए बैंक उन्हें लॉकर मुहैया करवाता है ताकि उनकी संपत्ति पर किसी तरह की सेंधमारी ना हो. ये काफी सुरक्षित और भरोसेमंद माना जाता. लोग भी अपनी संपत्ति लॉकर में रखकर निश्चिंत हो जाते हैं. इतनी एहतियात के बाद भी पलामू में बैंक लॉकर घोटाला (bank locker scam in Palamu) हुआ. मास्टरमाइंड ने पलामू के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को निशाना बनाया. यूबीआई की डालटनगंज शाखा के बैंक लॉकर से संपत्ति गायब करने और बैंक लॉकर से छेड़छाड़ का मामला उजागर हुआ. इसमें कार्रवाई तो हुई है लेकिन अब भी कई ग्राहकों के गहनों की बरामदगी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है.
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बैंक के लॉकर से ही संपत्ति गायब हो जाए और चोरी करने वाला बैंक का अधिकारी निकले तो बैंकिंग व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है. पलामू के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया हालांकि यह बैंक अब पंजाब नेशनल बैंक का हिस्सा है. यूबीआई की डालटनगंज शाखा से आधा दर्जन ग्राहकों के बैंक लॉकर से संपत्ति गायब हो गई थी. सभी के बैंक लॉकर से छेड़छाड़ हुई, सोना और नकद निकाल लिए गए थे. पुलिस मामले में अभियान (Palamu Bank locker scam investigation) चलाकर बैंक के मैनेजर, डिप्टी मैनेजर समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पूरे घटना का पुलिस ने 10 दिनों में उदभेदन करते हुए गायब हुए सोना और जेवरात को बरामद किया. इस मामले में मेदिनीनगर टाउन थाना में एफआईआर नंबर 260/21 में कई आरोपी जेल में बंद है.
जानिए पलामू में बैंक लॉकर घोटाला कैसे हुआ और किसने साजिश रचीः यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में एक कृषि वैज्ञानिक अपने बैंक का लॉकर चेक करने पहुंचे थे, वहां उनका लॉकर नहीं खुला. इसके बाद तकनीशियन के माध्यम से उन्होंने अपने लॉकर को खोला तो पाया की उसमें रखे गहने गायब हैं. पूरे मामले में पुलिस ने अनुसंधान करते हुए बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार को हिरासत में लिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद बैंक के ग्राहक जो लॉकर की सुविधा ले रहे थे, वो बैंक सभी पहुंचे. करीब आधा दर्जन ग्राहकों का बैंक का लॉकर नहीं खुल पाया. बैंक के टॉप अधिकारियों पुलिस की मौजूदगी में ग्राहकों के लॉकर को खोला गया तो उसमें से नकद और जेवरात गायब पाए गए. यह पूरा घोटाला बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार से जुड़ा हुआ था. पुलिस अधिकारियों के समक्ष उसने कई बड़े खुलासे किए थे. उसने पुलिस को बताया कि बैंकों से जेवरात को गायब करने के बाद विभिन्न दुकानदारों को उसने गिरवी पर दिया था.