मंगलुरु: झारखंड का एक व्यक्ति जो मंगलुरु में काम करने आया था, लापता हो गया और मानसिक रूप से बीमार होकर घूम रहा था. उसे व्हाइट डव्स (पुनर्वास संस्थान) संगठन द्वारा बचाया गया और ठीक किया गया और उसके परिवार को सौंप दिया गया.
शख्स का नाम कमलेश राम (30) है. वो पलामू का रहने वाला है. वह मंगलुरु में पूंजा इंटरनेशनल होटल में काम करता था. काम के दौरान यानी मार्च 2023 में कमलेश अचानक लापता हो गए. होटल के प्रबंधन ने कमलेश राम के लापता होने के संबंध में शहर के बंदर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. होटल प्रबंधन और परिवार वालों ने कई जगह उसकी तलाश की, लेकिन युवक नहीं मिला.
31 मार्च, 2023 को, मंगलुरु में जरूरतमंदों की सेवा करने वाले एक सेवा संगठन, व्हाइट डव्स के कर्मचारियों को मानसिक बीमारी के लक्षणों वाले एक व्यक्ति के बारे में जानकारी मिली, जो कंपाउंड जंपिंग कर रहा था. संस्था की कोरिना रस्किना ने जब वहां गया तो वहां पुलिस मौजूद थी. व्हाइट डव्स संगठन ने उस व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करने का अनुरोध किया, उसके दोनों पैरों में दर्द था, बाद में उसे संस्था में लाकर इलाज कराया गया.
तीन महीने के इलाज के बाद ठीक हुए युवक के बारे में जानकारी मिलने पर उसके रेस्क्यू के दौरान मिले मोबाइल फोन के सिम को ठीक कराया गया और उसके जरिए उसकी पत्नी से संपर्क किया गया. पत्नी, जो अपने पति के बिना एक छोटे बच्चे के साथ बोरियत में दिन बिता रही थी, अपने पति के मंगलुरु में होने क जानकारी सुनकर बच्चे, अपने पति के बड़े भाई और पत्नी के साथ मंगलुरु आ गई.
मंगलुरु के व्हाइट डव्स इंस्टीट्यूट में आए कमलेश राम का परिवार कमलेश को देखकर भावुक हो गया. अपने पति को कई जरूरतमंद लोगों के साथ बैठा देखकर पत्नी वहां आई और उनके चरणों में झुक गई. यह देख कर कमलेश राम और उनका परिवार भावुक हो गया. जब परिवार दोबारा मिला तो परिवार का प्यार देखकर एक पल के लिए हर किसी की आंखों में आंसू आ गए.
इस बारे में बात करते हुए व्हाइट डव्स की संस्थापक कोरिना रस्किन ने कहा कि जब कमलेश राम को हमारे पास लाया गया था, तो उनके पैर में चोटें थीं और शराब की लत के कारण वह मानसिक रूप से बीमार थे. हमारे द्वारा इलाज और ठीक होने के बाद हमें उनके परिवार के बारे में जानकारी मिली और उनके परिवार से संपर्क किया. कमलेश राम को उनके परिवार के साथ झारखंड भेजा गया. व्हाइट डव्स द्वारा किसी परिवार को फिर से मिलाने का यह 415वां मामला है.