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Illegal Mini Gun Factory in Palamu: ऑन डिमांड तैयार किया जाता था हथियार, बनाए जाते थे मनपसंद डिजाइन

पलामू पुलिस ने अवैध मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया है. यहां पर ग्राहक की पसंद के हिसाब से हथियार तैयार किए जाते थे, रॉ मेटेरियल भी ग्राहक को खुद लाना पड़ता था.

Illegal arms manufacturing factory in Palamu
पुलिस की गिरफ्त में अपराधी और बरामद हथियार

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Published : Jan 18, 2023, 5:12 PM IST

पलामू: एक ऐसी फैक्ट्री जो ऑन डिमांड हथियार तैयार करता था. ग्राहक हथियार में इस्तेमाल होने वाली सामग्री खुद लेकर जाते थे और मनपसंद हथियार तैयार करवाते थे. फैक्ट्री में ऑन डिमांड के साथ साथ हथियार तस्कर गिरोह के लिए भी हथियार तैयार किया जाता था. पलामू पुलिस ने बुधवार को हथियारों की एक फैक्ट्री को पकड़ा है.

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पुलिस ने मौके से हथियार बनाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि मौके से तीन डबल बैरल गन, दो दोनाली बंदूक, आधा दर्जन के करीब अर्धनिर्मित हथियार को बरामद किया है. दरअसल, पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा को सूचना मिली थी कि पलामू के नावाबाजार थाना क्षेत्र के कसवाखाड़ में एक अवैध हथियार की फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है. इसी सूचना के आलोक में नावाबाजार थाना प्रभारी संजय कुमार रजक, सब इंस्पेक्टर विजय कुमार, मुकेश कुमार साव के नेतृत्व में पुलिस ने छापेमारी की. इस छापेमारी में पुलिस ने हथियार बनाने वाली फैक्ट्री को पकड़ा.

फैक्ट्री का संचालन कसवाखाड़ के सूर्यदेव मिस्त्री के घर पर होता था. मौके से पुलिस ने सूर्यदेव मिस्त्री, उमेश सिंह और बिपिन बिहारी सिंह को गिरफ्तार किया. उमेश सिंह और बिपिन बिहारी सिंह नावाजय के कीशौनी के रहने वाले हैं. पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि हथियारों की फैक्ट्री का संचालन करने वाले ऑनडिमांड हथियार तैयार करते थे. हथियारों को तस्कर और स्थानीय लोगों को भी बेचा जाता था. दरअसल, हथियार की चाह रखने वाले लोग सामग्री लेकर खुद सूर्यदेव मिस्त्री के पास जाते थे और मनपसंद हथियार तैयार करवाते थे. सूर्यदेव मिस्त्री पसंद के हथियार और डिजाइन को तैयार करता था. इसके एवज में सूर्यदेव मिस्त्री को मोटी रकम मिलती थी.


पुलिस के अनुसार हथियारों की फैक्ट्री से तस्करों का भी नेटवर्क जुड़ा हुआ था. हथियार तस्कर भी यहां हथियार तैयार करवाकर नक्सल और आपराधिक संगठनों को बेचते थे. पुलिस फैक्ट्री से तैयार हथियार खरीदने वाले और बनवाने वालों की नाम की तलाश कर रही है. सूर्यदेव मिस्त्री और उसके साथियों ने पुलिस को कई नाम बताए हैं, जिसके बाद पुलिस अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.

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