आईजी राजकुमार लकड़ा से खास बातचीत पलामूः पांकी हिंसा मामले में सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. हालांकि गृह विभाग ने पलामू के इलाके में 19 फरवरी तक इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया है. पलामू जोन में आईजी राजकुमार लकड़ा के नेतृत्व पूरे पांकी के इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई. आईजी राजकुमार लकड़ा ने पांकी के हालात को लेकर ईटीवी भारत के साथ बातचीत की. इस दौरान आईजी राजकुमार लकड़ा ने कई बिंदुओं पर ईटीवी भारत को जानकारी दी है.
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आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि पूरे मामले में उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है और उन्हें चिन्हित भी किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में हालात सामान्य हुए हैं. फिर भी पुलिस पूरी तरह से सभी इलाकों में अलर्ट है. आईजी ने बताया कि पूरे इलाके में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है और संवेदनशील इलाकों को चिन्हित किया गया है.
उन्होंने कहा कि पांकी समेत पूरे जिले में दोनों पक्षों से शांति बरतने की अपील की गई है. आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि पांकी हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर लोगों को सचेत होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लोग इस तरह का मैसेज नहीं फॉरवर्ड करें जिससे समाज में तनाव का माहौल उत्पन्न हो. पूरे इलाके में क्लोज मॉनिटर किया जा रहा है. आईजी ने कहा कि हिंसा की घटना चिंता जनक है सभी लोगों को मिलजुल कर रहने की जरूरत है. पांकी हिंसा मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर अनुसंधान भी कर रही है.
पांकी हिंसा मामले में इलाके में तीन आईएएस, पांच आईपीएस और एक दर्जन से अधिक डीएसपी सुरक्षा की कमान संभाले हुए हैं. पुलिस मुख्यालय ने दो सीनियर आईपीएस को क्लोज मॉनिटरिंग के लिए भेजा है. स्पेशल ब्रांच की स्पेशल टीम इलाके में कैंप कर रही है. जमशेदपुर से रैप की कंपनी पांकी के इलाके में तैनात की गई है. पांकी और उसके 10 किलोमीटर के दायरे में 2000 से भी अधिक पुलिस जवानों की तैनाती की गई है. सभी धार्मिक स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
आईजी राजकुमार लकड़ा खुद पांकी में कैंप कर रहे हैं और चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं. पुलिस ने इलाके में ड्रोन और अन्य संसाधनों से भी निगरानी को शुरू कर दिया है. इलाके में लगातार माइकिंग की जा रही है और लोगों से शांति बरतने की अपील की जा रही है. धारा 144 को लागू करने के लिए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी सख्त भी हैं.