पलामू:मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) का पलामू में दो दिवसीय राज्य सम्मेलन (Human Rights Program organized in Palamu) शनिवार को शुरू हुआ. इस राज्य सम्मेलन में कई बिंदुओं पर चर्चा की जानी है. सम्मेलन संविधान व्यक्तिगत स्वतंत्रता के थीम पर शुरू हुआ है. सम्मेलन में सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीबी सिंह, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रोफेसर पुष्पेंद्र समेत कई मानवाधिकार कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं.
पलामू में शुरू हुआ पीयूसीएल का राज्य सम्मेलन, न्याय व्यवस्था पर चर्चा
पलामू में 'मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज' का दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित (Human Rights Program organized in Palamu) हुआ. जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीबी सिंह समेत कई मानवाधिकार कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं.
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न्यायाधीश बीबी सिंह ने कहा : सम्मेलन में बोलते हुए सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीबी सिंह ने कहा कि अंग्रेज जानते थे कि अगर न्यायधीश को शक्ति गई दी गई, तो दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे. इस कारण अंग्रेजों ने न्यायाधीश को सख्ती नहीं देकर पुलिस को दिया. जबकि पश्चिमी देशों में खुद ब्रिटेन में इनस्टोरियल न्याय व्यवस्था लागू है. जिसमें न्यायाधीश को शक्ति दी गई है. इस न्याय व्यवस्था में न्यायाधीश की निगरानी में जांच होती है और लोगों को सही न्याय मिल पाता है.
प्रोफेसर पुष्पेंद्र ने कहा: टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रोफेसर पुष्पेंद्र ने कहा कि संविधान में एक-एक व्यक्ति को अधिकार दिया गया है. लेकिन सामाजिक आर्थिक और संस्कृति जीवन में समानता का अधिकार नहीं दिया गया है. अगर इसको दूर नहीं किया गया तो मताधिकार का अधिकार भी नहीं रह पाएगा. उन्होंने कहा कि सरकारी और गैर- सरकारी स्तर पर मानव अधिकारों का हनन हो रहा है. हर व्यक्ति को इसके प्रति संवेदनशील हो कर इसकी रक्षा और बढ़ावा को संभव करना होगा.
कौन- कौन रहा शामिल: सम्मेलन को महासचिव अरविंद अविनाश, इप्टा के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र कुमार, किसान महासभा के केडी सिंह, जन संग्राम मोर्चा के युगल पाल, नंदलाल सिंह, मीरा चौधरी ने भी संबोधित किया. रविवार को भी सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी.