पलामू:गंभीर बीमारी या अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बड़ी संख्या में लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. वहीं गरीब तबका आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अधिकतर सरकारी अस्पतालों का रुख करता है, लेकिन पलामू में अमीर हो या गरीब प्रसव के लिए सरकारी संस्थानों की तरफ ही रुख कर रहे हैं. जिले के निजी अस्पतालों में 30 प्रतिशत से अधिक सिजेरियन प्रसव होता है. जबकि सरकारी अस्पतालों में केवल 12 प्रतिशत प्रसव ही सिजेरियन होता है. लोगों को स्वास्थ सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार मातृत्व वंदना योजना, ममता वाहन, पोषाहार योजना चला रही है, जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है.
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प्रत्येक वर्ष 34 हजार के करीब महिलाओं का सरकारी संस्थानों में होता है प्रसव
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पलामू के सरकारी अस्पतालों में जनवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक 34,490 महिलाओं का प्रसव हुआ है. प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल एमएमसीएच (MMCH) में अप्रैल से अब तक 354 महिलाओं का प्रसव करवाया गया है. MMCH में तैनात ANM सत्यवदा और सबाना बताती हैं कि अस्पताल में मरीजों को हर सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाता है, लोगों को भरोसा है तभी सरकारी अस्पतालों को रुख कर रहे हैं, मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए स्वास्थ्यकर्मी दिन रात मेहनत भी कर रहे हैं.
लोगों को सरकारी अस्पतालों पर है भरोसा
पलामू में सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए महिलाओं को पूरा भरोसा है. जिले के हुसैनाबाद, छतरपुर और बिश्रामपुर जैसे जगह में भी हर महीने 400 के करीब प्रसव करवाया जा रहा है. हुसैनाबाद इलाके के जाफर हवारी और जाहिद अंसारी बताते हैं कि, सरकारी अस्पतालों में उन्हें हर सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसके कारण कोई परेशानी नहीं हो रही है, स्वाथ्यकर्मी मरीजों का ख्याल रख रहे हैं.
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गर्भधारण से लेकर प्रसव तक विभाग रखता है ख्याल
स्वास्थ्य विभाग महिलाओं के गर्भधारण से लेकर प्रसव के बाद तक ख्याल रखता है और कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाता है. पलामू के डीपीएम दीपक कुमार बताते हैं कि महिलाओं को टीकाकरण से लेकर मुफ्त प्रसव तक कि व्यवस्था की जाती है, गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी निगरानी रखी जाती है, हर पंचायत में ANM, आंगनबाड़ीकर्मी, सहिया के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाती है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में उनकी सुविधाओंं का ख्याल रखा जाता है.