पलामूः गरीबी बेहिसाब गम देती है, जब गम इंतेहा को पार कर जाती है तो आदमी सब भूल जाता है. गरीबी जब किसी के घर में डेरा डाल देती है तो जिंदगी के साथ अदावत शुरू हो जाती है. इसी गरीबी ने पलामू के 25 लड़कियों की जिंदगी को अंधेरे में डाल दिया है.
पलामू में 25 लड़कियों के सपनों को गरीबी ने तोड़ा, पैसे के अभाव में नहीं भर पाईं परीक्षा फॉर्म
पैसे के अभाव में पलामू के मेदिनीनगर सर्वोदय गर्ल्स हाई स्कूल की 25 लड़कियां मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाएंगी. स्कूल की 80 लड़कियों को मैट्रिक की परीक्षा देनी थी. मगर 55 ही परीक्षा फॉर्म भर पाईं.
पैसे के अभाव में पलामू के मेदिनीनगर सर्वोदय गर्ल्स हाई स्कूल की 25 लड़कियां मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाएंगी. सभी लड़कियां मेदिनीनगर और उसके पास के इलाके की रहने वाली हैं. सर्वोदय गर्ल्स हाई स्कूल की 80 लड़कियों को मैट्रिक की परीक्षा देनी थी. मगर 55 ही परीक्षा फॉर्म भर पाईं.
सर्वोदय स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल सुभाष कौशिक बताते हैं कि पैसे के अभाव में लड़कियां परीक्षा नहीं दे पा रही हैं. निजी तौर पर उन्होंने कुछ की मदद भी की. गांव में वो खुद गए और लड़कियों के परिजनों से बातचीत की. लेकिन अधिकतर पलायन कर गईं थीं. स्कूल की शिक्षिका शशिकला बताती हैं कि छात्राओं के पास रजिस्ट्रेशन के लिए 85 रुपये भी नहीं थे. 55 लड़कियां जिन्होंने फॉर्म भरा था, उन्हें भी निजी तौर पर मदद की गई है.