झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

पलामू: नील गायों के आतंक से किसान परेशान, नहीं कर रहे दलहन-तिलहन की खेती - farmers upset due to emergence of nilgai

पलामू में नील गायों के उत्पात से किसानों ने रबी फसल और सब्जियों की खेती छोड़ दी है. उनका कहना है कि नील गायों की संख्या लगभग हजारों में है और देखते ही देखते दलहन-तिलहन की खेती को चट कर जाते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से इसे रोकने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.

नील गायों के उत्पात से किसान परेशान

By

Published : Sep 8, 2019, 1:35 PM IST

Updated : Sep 8, 2019, 3:01 PM IST

पलामू: जिले के हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र के सोन और कोयल नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के किसान नील गायों के उत्पात से परेशान हैं. इस वजह से यहां के किसानों ने रबी फसल और सब्जियों की खेती करना पिछले पांच सालों से छोड़ दिया है. अब इन इलाकों के किसान सिर्फ धान की फसल पर निर्भर करते हैं, लेकिन इस बार कम वर्षा की वजह से पलामू में धान की फसल भी होना संभव नहीं लग रहा है.

देखें पूरी खबर

अधिकारियों के चक्कर काटते-काटते परेशान
किसानों ने बताया कि वे प्रसाशनिक पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों सहित वन विभाग के अधिकारियों के चक्कर काटते-काटते परेशान हो गए हैं, लेकिन अभी तक आश्वासन के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हो सका है. उनका कहना है कि नील गायों की वजह से उनलोगों ने रबी फसल और सब्जियों की खेती करनी ही छोड़ दी है. उन्होंने कहा कि दलहन-तिलहन और सब्जियों की खेती को नील गायों के झुंड देखते ही देखते चट कर जाते हैं.

ये भी पढ़ें-कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से CM कमलनाथ का इस्तीफा

नई पीढ़ी मजदूरी करना समझ रहे हैं बेहतर
किसानों ने बताया कि पलामू के कादल से दंगवार तक के तटवर्ती क्षेत्रों में नील गायों की संख्या लगभग हजारों में है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर नई पीढ़ी के लोग खेती छोड़ बड़े शहरों में मेहनत मजदूरी करना बेहतर समझ रहे हैं. इस संबंध में पंचायत समिति सदस्य रामप्रवेश सिंह ने कहा कि बीडीसी की बैठक में कई बार इस मामले को उठाया गया, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला.

नील गायों को भगाने की व्यवस्था
वहीं, पलामू वन क्षेत्र पदाधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि नील गायों से क्षति होने पर किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान है और कई किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान भी किया गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. नील गायों को भगाने के लिये जल्द ही व्यवस्था की जायेगी.

Last Updated : Sep 8, 2019, 3:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details