पलामू:गेहूं, मक्का और धान जैसी पारंपरिक फसलों की खेती छोड़ पलामू प्रमंडल के किसान अब फूलों की खेती में हाथ आजमा रहे हैं. लागत कम और मुनाफा अधिक होने की उम्मीद से क्षेत्र के किसान पारंपरिक खेती के स्थान पर वैकल्पिक खेती में रूचि ले रहे हैं. पलामू प्रमंडल के गढ़वा, लातेहार और पलामू के कुछ किसानों ने फूलों की खेती कर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है. किसान फूलों की खेती में ना केवल संभावनाएं तलाश रहे हैं, बल्कि अधिक मुनाफा कमाकर आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं. फूलों की खेती का सुखद परिणाम भी सामने आया है. खेतों में रंग-बिरंगे फूल अपनी खुशबू बिखेर रहे हैं. किसानों की कड़ी मेहनत और प्रशासन के सहयोग से यह सब संभव हो पाया है. उद्यान विभाग की ओर से पलामू प्रमंडल के 459 किसानों के बीच फूलों के पौधे वितरित किए गए थे.
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पलामू में 130 किसानों ने की है फूलों की खेतीः पलामू के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के कंकारी, बसरिया कला, सलतुआ, बंदुआ आदि पंचायत के 130 किसानों के बीच गेंदा और ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. चैनपुर के बसरिया कला की ललिता देवी, मंजू देवी, सोकरा की रीतू देवी, मीना देवी सहित अन्य महिला किसानों ने छोटे-छोटे पैच में फूलों की खेती की है.
लातेहार में 20 हेक्टेयर में हुई है फूलों की खेतीःलातेहार जिले में 20 किसानों को गेंदा और ग्लैडियोलस फूल के पौधे उपलब्ध कराए गए थे. वहीं लातेहार के चंदवा प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने 20 हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती है. फूलों के पौधे विभाग से किसानों ने प्राप्त किए थे. मुख्य रूप से सगुना कुमारी, राजेन्द्र उरांव, निर्मला देवी आदि किसानों ने फूलों की खेती की है.
गढ़वा के किसान भी ले रहे फूलों की खेती में दिलचस्पीःगढ़वा जिले के 60 किसानों को गुलाब, 74 किसानों को ग्लैडियोलस और 175 किसानों के बीच गेंदा फूल के पौधे का वितरण किया गया था. जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत अरंगी पंचायत के बनखेता गांव निवासी आरमा कुशवाहा और केतार प्रखंड के वेलावार निवासी अलताफ अंसारी ने भी फूलों की खेती प्रारंभ की है. किसानों ने बताया कि अन्य पारंपरिक खेती की अपेक्षा फूलों की खेती से उन्हें काफी फायदा हुआ है. आर्थिक समृद्धि आ रही है. वहीं वेलावार के ही सकील अंसारी, केतार के जितेन्द्र कुमार मेहता, मकरी के नसरूदीन मियां, रंका के पिंटू मालाकार आदि ने भी फूलों की खेती प्रारंभ की है. इसके अलावा नगर उंटारी, करूआ कला आदि के गांवों में भी किसान फूलों की खेती कर रहे हैं.