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पलामू में पहाड़ से फिसलकर हाथी की मौत, सात महीने में झारखंड में गई नौ हाथी की जान - पलामू न्यूज

पलामू में पहाड़ से फिसलकर एक हाथी की मौत (Elephant death Palamu ) हो गई. इस हाथी की मौत पलामू टाइगर रिजर्व के फुलहर इलाके में पहाड़ पर चढ़ने के दौरान हुई. इसी के साथ सात महीनों में झारखंड में अलग-अलग वजहों से हाथियों के मरने का आंकड़ा बढ़कर (Elephant death count Jharkhand) नौ हो गया है.

Elephant death Palamu after slipping off mountain count inceased in Jharkhand
पलामू में पहाड़ से फिसलकर हाथी की मौत

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Published : Aug 16, 2022, 12:40 PM IST

Updated : Aug 16, 2022, 12:52 PM IST

पलामू:पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के गारु के फुलहर के इलाके में पहाड़ से फिसल कर एक हाथी की मौत (Elephant death Palamu) हो गई. घटना सोमवार देर शाम की है. दुरुह इलाका होने के कारण पीटीआर के टॉप अधिकारी अभी मौके पर नहीं पहुंच पाए हैं. डॉक्टर की पांच सदस्यीय टीम मृत हाथी का पोस्टमार्टम करेगी. इसी के साथ सात महीनों में झारखंड में अलग-अलग वजहों से हाथियों के मरने का आंकड़ा बढ़कर (Elephant death count Jharkhand) नौ हो गया है.

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बता दें कि जिस इलाके में हाथी की मौत हुई है, वह इलाका नक्सल प्रभावित है. साथ ही यहां ऊंची-ऊंची पहाड़ियों की श्रृंखलाएं हैं. इससे यहां आना जाना काफी मुश्किल काम है. बहरहाल डॉक्टर की पांच सदस्यीय टीम मृत हाथी का पोस्टमार्टम करेगी. वे और उनकी टीम मौके के लिए रवाना हो गए हैं. पोस्टमार्टम करने वाली टीम में आईएफएस विजय शंकर दुबे, ओरमांझी पार्क से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट, लातेहार वन क्षेत्र के डॉक्टर शामिल रहेंगे.

इधर, पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि गारु के इलाके में एक हाथी की मौत हुई है. निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि हाथियों का एक झुंड पहाड़ पर चल रहा था. इसी क्रम में एक हाथी फिसल गया और उसकी मौत हो गई है. बताया कि ग्रामीणों ने पीटीआर के अधिकारियों को बताया है कि सात से आठ हाथियों का झुंड पहाड़ी पर चढ़ाई कर रहा था. इसी क्रम में एक हाथी फिसल गया. बारिश के कारण पहाड़ पर कई जगह फिसलन बन गई है.


इस इलाके में पहले भी हो चुकी है हाथी की मौतः जिस इलाके में सोमवार को हाथी की मौत हुई है उसी इलाके में जनवरी 2021 में भी एक हाथी की मौत हुई थी. पीटीआर के अधिकारियों ने बताया कि हाथी की असामान्य मौत हुई है, हाथी बुजुर्ग था. उससे ठीक एक महीने पहले पीटीआर के बेतला नेशनल पार्क इलाके में पालतू हाथी पर जंगली हाथियों ने हमला कर मार डाला था. झारखंड में पीपीआर का बेतला नेशनल पार्क का इलाका हाथियों का सबसे बड़ा प्रवास वाला स्थान है.

सात महीने में नौ हाथियों की मौतः बीती 31 जुलाई को लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के रेची जंगल में हाथी की लाश मिली. कुछ लोग मृत हाथी का दांत काटकर ले गए थे. वन विभाग ने इसकी एफआईआर दर्ज की है. इसके पहले 17 जुलाई को खूंटी जिले के रनिया प्रखंड अंतर्गत बोंगतेल जंगल में एक हाथी मृत पाया गया. आशंका है कि कोई जहरीला पदार्थ खाने से उसकी मौत हुई. जुलाई महीने में ही रांची के इटकी के केवदबेड़ा जंगल में एक हाथी मरा पाया गया था. वन विभाग तीनों घटनाओं की जांच कर रहा है. मौत के कारणों के बारे में अब तक कोई स्पष्ट रिपोर्ट नहीं आई है.

मई के तीसरे हफ्ते में चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत बांसपानी-जुरुली रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी की चपेट में आकर तीन हाथियों की मौत हो गई थी. इनकी मौत से गमजदा डेढ़ दर्जन हाथी लगभग 12 घंटे तक ट्रैक पर जमे रहे थे. बताया गया था कि करीब 20 हाथियों का झुंडबांसपानी-जुरूली के बीच बेहेरा हटिंग के पास रेल लाइन पार कर रहा था, तभी तेज गति से आ रही एक मालगाड़ी ने इन्हें टक्कर मार दी थी. इसके पहले के हफ्ते में गिरिडीह जिले में चिचाकी और गरिया बिहार स्टेशन के बीच ट्रेन की टक्कर में एक हाथी की मौत हो गई थी.

Last Updated : Aug 16, 2022, 12:52 PM IST

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