झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

सुखाड़ जैसे हालात उत्पन्न होने के बाद पलामू जिला प्रशासन ने शुरू की तैयारी, डीसी ने अधिकारियों को दिए कई निर्देश - jharkhand news

पलामू सुखाड़ की मार झेल रहा है. पिछले साल के जैसे ही इस साल भी जिले में बारिश नहीं हुई है. इससे खेती भी नहीं हो सकी है. इस भयावह स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर ली है.

Drought in Palamu
Drought in Palamu

By

Published : Aug 12, 2023, 9:16 PM IST

देखें पूरी खबर

पलामू: सुखाड़ जैसे हालात उत्पन्न होने के बाद पलामू जिला प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. सभी विभाग को हालात को लेकर मॉनिटरिंग करने को कहा गया है. दरअसल, पलामू को 2022 में संपूर्ण सुखाड़ घोषित किया गया था. 2023 में भी सुखाड़ जैसे हालात हो गए हैं. जून के महीने में औसत से करीब 70 फीसदी कम जबकि जुलाई के महीने में औसत से करीब 80 फीसदी कम बारिश हुई है. पूरे हालात को लेकर पलामू जिला प्रशासन और कृषि विभाग कई जानकारियां इकट्ठा कर रहा है.

यह भी पढ़ें:सुखाड़ की मार से किसानों के साथ बीज-खाद विक्रेता भी चिंतित, कहा- घर चलाना हुआ मुश्किल

पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि बारिश की स्थिति खराब है. फसल के लिए जिस तरह की बारिश की जरूरत है, वह नहीं हुई है. नतीजा है कि धान की रोपनी के साथ-साथ अन्य फसलों को खेतों में कम लगाया गया है. मामले में विभागीय स्तर पर निर्देश जारी किए गए हैं और जल्द ही अधिकारियों के साथ हालात को लेकर बैठक की जाएगी.

मात्र 625 हेक्टेयर में हुई धनरोपनी: पलामू में पिछले एक हफ्ते में मात्र दो दिन ही बारिश हुई है, जबकि आसमान में बादल छाए हुए हैं. पलामू में लक्ष्य से मात्र 1.23 प्रतिशत ही धान की रोपनी हुई है. 51,000 हेक्टेयर की जगह 625 हेक्टेयर में ही धान लगाई गई है. अन्य फसलों की भी हालत खराब है और उन्हें खेतों में नहीं लगाया जा सका है. पलामू के इलाके में बारिश के हालात गंभीर हैं. सोन, कोयल, अमानत, औरंगा समेत कई नदियों में बारिश के पानी से बाढ़ नहीं आया है. सोन, कोयल और अमानत जिले की लाइफ लाइन है. सभी नदियों में जलस्तर बेहद कम है. 15 अगस्त के बाद धनरोपनी का आकलन किया जाएगा कि पलामू में धान की रोपनी कितनी हुई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details