पलामू: माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (ईआरबी) का सुप्रीम कमांडर को लेकर पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा और मिसिर बेसरा के बीच विवाद हुआ था. इस विवाद में माओवादियों के चार सेंट्रल कमिटी सदस्यों ने मिसिर बेसरा का समर्थन किया था. जिसके बाद मिसिर बेसरा को ईआरबी का सुप्रीम कमांडर बनाया गया था. उसके बाद से ही प्रमोद मिश्रा और मिसिर बेसरा के बीच विवाद चल रहा था.
ये भी पढ़ें-Naxalite Pramod Mishra Arrested : चार लोगों को फंदे पर लटकाने वाला नक्सली प्रमोद मिश्रा गिरफ्तार
जून 2022 में सेंट्रल कमिटी सदस्य संदीप यादव की झारखंड बिहार सीमा पर छकरबंधा में मौत हो गई थी. मौत के बाद सुरक्षाबलों ने छकरबंधा के इलाके में अभियान शुरू किया था. इसी अभियान के बाद पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा छकरबंधा से निकल कर सारंडा पहुंच गया था. सारंडा में दो महीने पहले माओवादियों की बैठक हुई थी, इसी बैठक में मिसिर बेसरा को ईआरबी का सुप्रीमो बनाया गया.
इस बैठक के बाद टॉप माओवादी प्रमोद मिश्रा सारंडा के इलाके से निकलकर बाहर चला गया गया था. इससे पहले चर्चा थी कि प्रमोद मिश्रा को माओवादियों ने ईआरबी का सुप्रीम कमांडर बनाया है. मिसिर बेसरा से पहले प्रशांत बोस माओवादियों के ईआरबी का सुप्रीम कमांडर हुआ करता था. करीब डेढ़ वर्ष पहले प्रशांत बोस पकड़ा गया था.
प्रशांत बोस की गिरफ्तारी और संदीप यादव की मौत बाद कमजोर हुआ प्रमोद मिश्रा:सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार प्रशांत बोस के गिरफ्तार होने और संदीप यादव के बाद प्रमोद मिश्रा की संगठन में पकड़ कमजोर हो गई थी. संदीप यादव ही झारखंड बिहार में माओवादियों के संगठन को सबसे अधिक पैसा देता था जबकि प्रशांत बोस चाहता था कि प्रमोद मिश्रा को ईआरबी का सुप्रीमो बनाया जाए.
संदीप यादव की मौत के बाद प्रमोद मिश्रा का संगठन पर पकड़ बेहद ही कमजोर हो गया था. जबकि सारंडा इलाके में सक्रिय सभी टॉप माओवादी एकजुट हो गए थे और प्रमोद मिश्रा का विरोध किया था. माओवादियों में ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो में झारखंड बिहार बंगाल यूपी के साथ साथ नॉर्थ ईस्ट का इलाका आता है. ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का मुख्यालय सारंडा में है.